उत्तराखंड देहरादूनtomato price rs 250 kg in rishikesh dehradun

देहरादून-ऋषिकेश में बिक रहा है 250 रुपये किलो टमाटर, महंगाई डायन खाय जात है

स्थिति यह है कि सोमवार एवं मंगलवार को ऋषिकेश के फुटकर बाजार में टमाटर 200 से 240 प्रति किलो की दर पर बिके।

Dehradun rishikesh tomato rate : tomato price rs 250 kg in rishikesh dehradun
Image: tomato price rs 250 kg in rishikesh dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: टमाटर के दाम कम होने का नाम नहीं ले रहे है। बरसात के मौसम में यूं तो हर वर्ष ही सब्जियां महंगी हो जाती हैं मगर टमाटर ने तो लोगों की जान ही निकाल दी है।

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एक मध्यमवर्गीय परिवार से तो जैसे टमाटर कहीं गायब ही हो गया है। आप यह जानकर हैरान हो जाएंगे कि उत्तराखंड में टमाटर के दाम एक बार फिर से आसमान पर पहुंच गए हैं और टमाटर 240 तक जा पहुंचे हैं। वहीं फुटकर मंडी में टमाटर के दाम 80 से बढ़कर 180 से 200 प्रति किलो तक पहुंच गए हैं। बीते दिनों जब टमाटर के रेट्स आसमान छू रहे थे तब देहरादून प्रशासन ने आम आदमी की सुध ली थी और टमाटर के रेट्स थोड़े कम किए थे मगर अब प्रशासन वापस से ढीला पड़ गया है और टमाटर के रेट्स 200 के पार पहुंच गए हैं। बता दें कि बीते दिनों जिला प्रशासन के आदेश के बाद उप जिला अधिकारी एवं तहसीलदार की टीम ने टमाटर के मूल्यों को नियंत्रित करने के लिए छापेमारी भी की थी। तब उनके दामों में कमी आई थी। मगर प्रशासन के ढीले पड़ने के बाद एक बार फिर से सब्जी विक्रेताओं ने टमाटर के रेट्स बढ़ा दिए हैं। अब ऋषिकेश एवं उसके आसपास के क्षेत्रों में टमाटर के दाम दोबारा बढ़ गए हैं। स्थिति यह है कि सोमवार एवं मंगलवार को ऋषिकेश के फुटकर बाजार में टमाटर 200 से 240 प्रति किलो की दर पर बिके।

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ऐसे में यह जानना जरूरी है कि टमाटर के भाव आखिर बढ़ क्यों रहे हैं। दरअसल इन दिनों बरसात का जोर उत्तराखंड पर चल रहा है और आए दिन मौसम बिगड़ रहा है, जिस वजह से सड़कें खराब हो रही हैं और थोक मंडी तक टमाटर पहुंच ही नहीं पा रहे हैं। हिमाचल से आने वाले टमाटर भी इस बार काफी ज्यादा प्रभावित हुए हैं, क्योंकि वहां भी सड़कें खराब हैं, जिस वजह से थोक मंडी में पर्याप्त मात्रा में टमाटर नहीं पहुंच पा रहे हैं और उस वजह से उनके रेट भी बढ़ रहे हैं। ऋषिकेश कृषि उत्पादन मंडी समिति के अनुसार टमाटर पहले रोजाना 150 से 250 क्विंटल तक आते थे मगर अब यह प्रतिदिन 20 से 30 क्विंटल ही आ पा रहे हैं। ऐसे में इसकी आपूर्ति कम हो गई है और डिमांड बढ़ गई है। बेसिक इकनोमिक अनुसार डिमांड और सप्लाई एक दूसरे के पूरक नहीं होते हैं। ऐसे में जब डिमांड बढ़ती है और सप्लाई कम होती है तो प्राइस अपने आप बढ़ जाता है और यही वजह है कि टमाटर के दामों में में वृद्धि हो रही है।