उत्तराखंड टिहरी गढ़वालWater and debris entered the tunnel of Rishikesh-Karnprayag rail line

ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन की टनल में घुसा पानी और मलबा, कई लोगोंं की जान पर बन आई

ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेल लाइन परियोजना के दौड़ टनल में घुसा 4 फीट तक पानी, 144 अभियंता और श्रमिकों की अटकी जान

Rishikesh-Karnprayag rail tunnel water: Water and debris entered the tunnel of Rishikesh-Karnprayag rail line
Image: Water and debris entered the tunnel of Rishikesh-Karnprayag rail line (Source: Social Media)

टिहरी गढ़वाल: उत्तराखंड में लगातार हो रही बरसात के चलते जगह-जगह से हादसों की दिल दहला देने वाली खबर सामने आ रही है।

Water and debris in Rishikesh-Karnprayag rail line tunnel

अब उत्तराखंड के शिवपुरी में ऋषिकेश कर्ण प्रयाग रेल लाइन परियोजना के निर्माण कार्य के दौरान एक बड़ा हादसा होते होते टल गया। दरअसल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल लाइन परियोजना के निर्माण अधीन सुरंग में भारी बरसात के कारण पानी भरने से वहां पर 114 इंजीनियर और श्रमिक फंस गए। बता दें कि लगातार सुरंग के अंदर पानी भरता जा रहा था जिसकी वजह से उनकी जान गले में अटकी हुई थी। बता दें कि सुरंग के अंदर पानी भरने के बाद उसमें से पानी की निकासी नहीं हुई और टनल के अंदर पानी बढ़ने लगा इसके बाद उनकी सांसे अटक गईं। सूचना मिलते ही सुबह 9:30 बजे पुलिस मौके पर पहुंची और टनल में से पानी की निकासी के लिए मशीन से मलबा हटाया गया और तकरीबन 3 घंटे की मशक्कत के बाद में पानी की निकासी शुरू हुई और सभी लोगों का सकुशल रेस्क्यू किया गया और उनको बाहर निकाला गया। आगे पढ़िए

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दरअसल पुलिस के मुताबिक सुबह 9:30 बजे पुलिस को सूचना मिली कि शिवपुरी में निर्माणाधीन टनल में इंजीनियर और श्रमिकों की करीब 300 मीटर भीतर फंसे होने की सूचना मिली। पुलिस को बताया गया की भारी बरसात होने के कारण टनल में तीन से चार दिन तक पानी भर गया है और पानी की निकासी न होने की वजह से वहां पर कई श्रमिक एवं इंजीनियर फंस गए हैं और वे बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। इसके बाद पुलिस तुरंत ही मौके पर पहुंची। पुलिस ने बताया कि टनल के बाहर मलबा आने से पानी के निकासी बंद हो गई जिससे टनल में तकरीबन तीन से 4 फुट तक पानी भर गया और उन्हें भीतर इंजीनियर और श्रमिकों की जान अटक गई। पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची और टनल ल को मशीन से हटाया जिसके बाद पुलिस ने सभी इंजीनियर और श्रमिकों को सकुशल बाहर निकाला गया।