उत्तरकाशी: ज़िंदगी न मिलेगी दोबारा में आपने टोमैटिना फेस्टिवल के बारे में देखा होगा न? आज हम आपको टमाटर की नहीं बल्कि मक्खन की होली खेलने वाले त्योहार के बारे में बताते हैं जो कि हमारे ही उत्तराखंड का है।
Uttarkashi Dayara Bugyal Butter Festival
उत्तराखंड प्रकृति से जुड़ा हुआ राज्य है। यहां के लोक पर्वों में भी प्रकृति की झलक दिखती है और यह लोगों को यह प्रकृति से जोड़ते हैं। प्रकृति हमको इतना कुछ देती है और हम अपने लोक पर्व और त्योहारों के जरिए प्रकृति को उसका दिया हुआ प्रेम वापस लौटते हैं। प्रकृति माँ के प्रति आभार प्रकट करने का एक ऐसा ही उत्सव है अंढूड़ी उत्सव , या बटर फेस्टिवल। उत्तरकाशी में रैथल ग्रामवासी , मखमली बुग्याल दयारा में भाद्रपद की संक्रांति को अपने मवेशियों के ताजे दूध ,दही , मठ्ठा और मक्खन प्रकृति को अर्पित करके उत्सव मनाते हैं। जिसे अंढूड़ी उत्सव या बटर फेस्टिवल कहते हैं। आगे पढ़िए
ये भी पढ़ें:
दयारा बुग्याल समुद्रतल से 11000 फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित है। और यह बुग्याल 28 वर्ग किलोमीटर में फैला हुवा है। पशुधन के घर आने की ख़ुशी में बटर फेस्टिवल के दिन ग्रामीण अपने घरों को सजाते हैं। यहां एक दूसरे पर दूध मट्ठा फेंक कर , और एक दूसरे को मक्खन लगाकर मक्खन की होली मनाई जाती है। पहले यह त्यौहार गाय के गोबर को एक दूसरे पर फेंक कर मनाया जाता था। बाद में इसमें गोबर की जगह , दूध ,माखन और छास का प्रयोग करने लगे। उत्तरकाशी जिले से 40 किमी दूर 11 हजार फीट ऊंचे दयारा बुग्याल में मक्खन की होली खेली जाएगी। 17 अगस्त को आयोजित होने वाले बटर फेस्टिवल में विभिन्न सांस्कृतिक दल सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देंगे। साथ ही ग्रामीण पारंपरिक रूप से होने वाले नृत्यों, रासों का आयोजन करेंगे।