चमोली: जहां एक बरसात को शहरों में रोमांटिसाइज़ किया जाता है, वही पहाड़ों पर यह किसी अभिशाप से कम नहीं है।
Uttarakhand disaster 52 people death
पहाड़ की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए तो यहां पर बरसात होना मतलब आफ़त को निमंत्रण देना है। बता दें कि प्रदेश में मानसून ने जनजीवन तहस-नहस कर दिया है। भारी बारिश से आई आपदा से अभी तक करीब 650 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। आपदा में अब तक 52 लोगों की मौत हुई है, 37 घायल और 19 लोग लापता हैं। इस दौरान हुई सड़क दुर्घटनाओं में करीब 50 लोग की मौत और 158 से अधिक लोग घायल हुए हैं। आगे पढ़िए
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प्रदेश में भारी बारिश से सबसे अधिक नुकसान सड़कों और पुलों के क्षतिग्रस्त होने से हुआ है। अब तक 2,915 सड़कें भूस्खलन की चपेट में आने से क्षतिग्रस्त हुई हैं, जबकि 64 पुलों को नुकसान पहुंचा है। अब तक 41,425.42 लाख रुपये के नुकसान का आकलन किया गया है। प्रदेश में दो नेशनल हाईवे समेत 251 सड़कें बंद हैं। लोनिवि की ओर से शुक्रवार देर शाम जारी रिपोर्ट के अनुसार, 18 स्टेट हाईवे, नौ मुख्य जिला मार्ग, पांच जिला मार्ग, 102 ग्रामीण सड़कें और 115 पीएमजीएसवाई की सड़कें बंद हैं। शुक्रवार को 240 जेसीबी मशीनों को सड़कों को खोलने के काम में लगाया गया है। कुल मिला कर Uttarakhand disaster में उत्तराखंड को इस बार भी करोड़ों का नुकसान हुआ है और सरकार इससे उबरने का प्रयास कर रही है।