रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड सरकार वैसे तो बड़े बड़े वादे करती है, मगर जब बात सच में कुछ करने कि आती है तो सरकार हाथ खड़े कर देती है। अब रुद्रप्रयाग में ही देख लीजिए।
Shaheed Sate Singh Rawat Statue Unveiled By Daughter
रुद्रप्रयाग में सरकार डेढ़ साल से एक शहीद जवान की मूर्ति का अनावरण नहीं कर पाई। डेढ़ साल तक गांव के लोग उनको बारंबार बोलते रहे मगर सरकार ने एक नहीं सुनी। इसके बाद थक हार कर आखिरकार शहीद की बेटी ने अपने पिता की मूर्ति का अनावरण किया। जी हां, बेटी ने लंबे इंतज़ार के बाद खुद ही अपने पिता की मूर्ती का अनावरण कर दिया। दरअसल जनपद रुद्रप्रयाग के अगस्त्मयुनि विकास खंड की गिंवाला गांव के सते सिंह रावत ने कुपवाड़ा (जम्मू कश्मीर) में 25 अगस्त 1995 को देश की रक्षा करते हुए बलिदान दे दिया था। कांग्रेस के पूर्व विधायक मनोज रावत ने विधानसभा क्षेत्र में सभी बलिदानी सैनिकों की मूर्तियां उनके गृह क्षेत्र में लगवाई थी। लेकिन इस बीच चुनाव की घोषणा होने से आचार संहिता लग गई, जिससे इस मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया।
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इसके बाद डेढ़ वर्ष का समय बीत चुका है, लेकिन मूर्ति का अनावरण नहीं हो पाया। इससे नाराज होकर उनकी बेटी ने ही अपने शहीद पिता कि मूर्ति का अनावरण किया। शहीद सते सिंह रावत का जन्म 3 दिसंबर 1965 को गिंवाला गांव में हुआ था। वह मात्र 28 वर्ष की उम्र में दुश्मनों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए थे। वह अपने पीछे पत्नी दीपा देवी, चार बेटी व एक बेटा को छोड़ गए थे। डेढ़ वर्ष पहले उनके सम्मान में उनकी मूर्ति बनकर तैयार हो गई। सते सिंह की मूर्ति बनकर तैयार होने के बावजूद इसका अनावरण न होने पर बलिदानी के स्वजन काफी नाराज थे। इसको लेकर स्वजन ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों से भी संपर्क साधा लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। थक हार कर स्वतंत्रता दिवस पर बलिदानी की पुत्री लीला नेगी ने अपने पिता की मूर्ति का अनावरण किया। इस अवसर पर स्कूल के बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए और बलिदानियों को श्रद्धांजलि भी दी गई।