उत्तराखंड उधमसिंह नगरRabies injection was given to 184 people in Udham Singh Nagar

उत्तराखंड: गाव वालों ने पिया रेबीज संक्रमित गाय का चरणामृत, 184 लोगों को लगे रेबीज इंजेक्शन

रेबीज संक्रमित गाय के दूध का चरणामृत पीकर गांव वालों के उड़े होश, 184 ग्रामीणों को लगे रेबीज के इंजेक्शन

Uttarakhand 184 people Rabies: Rabies injection was given to 184 people in Udham Singh Nagar
Image: Rabies injection was given to 184 people in Udham Singh Nagar (Source: Social Media)

उधमसिंह नगर: उत्तराखंड के उधम सिंह नगर में गजब हो गया। यहां पर एक रेबीज संक्रमित गाय की मौत के बाद 184 ग्रामीण खौफ में जी रहे हैं और उन्होंने भी रेबीज का टीका लगवाया है।

Rabies injection to 184 people in Udham Singh Nagar

दरअसल उन लोगों ने प्रसाद के रूप में रैबीज से इनफैक्ट हुई गाय का दूध पी लिया था। कुछ दिन बाद गाय की मौत हुई तो पता लगा कि एक पागल कुत्ते के काटने के कारण गाय को रेबीज हो गया था जिसके बाद वह मर गई थी। इसके बाद 184 ग्रामीणों ने अस्पताल पहुंचकर अपने आप को रेबीज का इंजेक्शन लगाया। अधिकारियों ने बताया की गाय को रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काट लिया था और बुधवार को उसकी मौत हो गई। इसके बाद हमारे कर्मचारियों ने ग्रामीणों को 184 एंटी रेबीज टीके लगाए हैं। मिली कोई जानकारी के मुताबिक इस नगर के सितारगंज ब्लॉक के अरविंद नगर गांव निवासी रविंद्र विश्वास की गाय को दो महीने पहले रेबीज संक्रमित कुत्ते ने काट लिया था। आगे पढ़िए

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गांव के ही एक अन्य ग्रामीण के घर में हाल ही में एक धार्मिक कार्यक्रम था जिसमें गांव के सभी लोगों ने हिस्सा लिया और समारोह में चरण अमृत वितरित किया गया यह चरणामृत उसी गाय के दूध से तैयार किया गया था जिसको रेबीज के इनफेक्टेड कुत्ते ने काट लिया था। बता दें कि बीते बुधवार को गाय की मौत हो गई। उसके मालिक ने बताया कि कुछ दिन पहले गाय में असामान्य व्यवहार दिखा और जब उन्होंने इलाज के लिए पशु चिकित्सक को बुलाया तो पता लगा कि गाय के अंदर रेबीज की पुष्टि हुई है। बुधवार को गाय की मौत हो गई। जिसके बाद ग्रामीणों ने सितारगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंचकर रेबीज के टीके लगवाए। अधिकारियों के मुताबिक मेडिकल स्टाफ ने 124 ग्रामीणों को एंटी रेबीज के टीके लगाए। वही पशु चिकित्सा मालिनी पेंट का कहना है कि संक्रमित व्यक्ति अगर उबला हुआ दूध पीता है तो वह सुरक्षित है मगर अगर बिना उबाले उसे दूध का सेवन किया जाए तो संक्रमण पहले स्वाभाविक है इसलिए उन्होंने कहा कि चिकित्सा विभाग ने बिना देरी किए चरणामृत का सेवन करने वाले सभी ग्रामीणों को एंटी रेबीज का टीका लगा दिया है और एहतियात बरतने के निर्देश दे दिए।