पौड़ी गढ़वाल: अंकिता भंडारी हत्याकांड केस अब भी लगातार सुर्खियों में है और इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। इस मामले में आरोपियों की पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने केस छोड़ दिया है।
Ankita Bhandari murder case lawyer Amit Sajwan left case
जी हां, अधिवक्ता अमित सजवाण ने व्यक्तिगत कारणों से केस छोड़ने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि किन्हीं व्यक्तिगत कारणों की वजह से उन्हें यह केस छोड़ना पड़ेगा। इससे पुलकित आर्या पर बड़ी मुसीबत आ गई है। वहीं, अपर जिला न्यायालय सिम्मचौड़ कोटद्वार ने अभियोग पक्ष की ओर दिया गया प्रार्थना पत्र को भी खारिज कर दिया है। अंकिता भंडारी हत्याकांड में अभियोग पक्ष के अधिवक्ता ने बताया की हत्यारों को उनके अपराध की कड़ी सजा मिलेगी। बता दें कि देहरादून में पौड़ी की अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायालय ने बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में आरोपियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे में भारतीय दंड विधान की धारा 120 (बी) जोड़ने की प्रार्थना करने वाली याचिका सोमवार को खारिज कर दी। आगे पढ़िए
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दरअसल ‘रिसेप्शनिस्ट’ के रूप में काम करने वाली 19 वर्षीया अंकिता की पिछले साल सितंबर में कथित तौर पर रिजॉर्ट संचालक पुलकित आर्य ने अपने दो कर्मचारियों, सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता के साथ मिलकर चीला नहर में धक्का देकर हत्या कर दी थी।आरोपियों की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता अमित सजवाण ने सोमवार को अचानक ही मुकदमे से अपना नाम वापस ले लिया । सजवाण ने मुकदमे से नाम वापस लेने का कारण पारिवारिक बताया है । शुरूआत में अंकिता हत्याकांड की पैरवी के लिए राज्य सरकार ने सजवाण को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया था । वहीं अंकिता के माता-पिता और परिजनों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर आरोप लगाया था कि सजवाण मुकदमे में ठीक से पैरवी नहीं कर रहे हैं जिससे केस कमजोर हो रहा है । इस पर सरकार ने उन्हें इस जिम्मेदारी से हटा दिया था । बाद में उन्होंने आरोपियों की तरफ से मुकदमा लडने की जिम्मेदारी संभाली थी लेकिन आज उससे भी उन्होंने नाम वापस ले लिया। इस मामले की अगली सुनवाई एक सितंबर को होगी।