उत्तराखंड ऋषिकेशindias first glass bridge in Uttarakhand Rishikesh

उत्तराखंड में तैयार होने वाला है देश का पहला ग्लास ब्रिज, इस पर चलने का रोमांच अलग ही होगा

जल्द बनकर तैयार होगा उत्तराखंड का पहला कांच का पुल, बजरंग सेतु है कई मायनों में खास, जानिए इसकी खूबियां

Rishikesh bajrang setu: indias first glass bridge in Uttarakhand Rishikesh
Image: indias first glass bridge in Uttarakhand Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: हर किसी की पसंदीदा जगहों में से एक ऋषिकेश, योगभूमि के रूप में विख्यात है।

India's first glass bridge in Rishikesh

आध्यात्मिक और धार्मिक रूप से भी यहां लोग खूब आते हैं। अगर ऋषिकेश में कुछ सबसे ज्यादा लोकप्रिय है तो, वो हैं लक्ष्मण और राम झूला। जो भी यहां आता है, वो इन दो जगह ज़रूर जाता है। मगर बीते कुछ महीनों से लक्ष्मण झूला को आवाजाही के लिए बंद कर दिया गया है। पुल में आई दरारों ओर टूटती रस्सियों की वजह से इसे फिलहाल के लिए बंद कर दिया गया और इसकी जगह पर कांच का नया पुल बनाया जा रहा है। ये पुल भारत का पहला ग्लास ब्रिज यानी कांच का पुल होगा। इस कांच के पुल का नाम बजरंग सेतु होगा। इस झूले को मॉडर्न तकनीकी से लैस किया जा रहा है। जी हां, उत्तराखंड में अब आपको कांच का पुल देखने को मिलेगा। इस करोड़ों की लागत से बन रहे पुल पर चलने के रोमांच को महसूस कर सकेंगे। लोक निर्माण विभाग ऋषिकेश में बजरंग सेतु का निर्माण करा रहा है, जो लक्ष्मण झूला पुल का विकल्प बनेगा। ऐतिहासिक लक्ष्मणझूला पुल के विकल्प बजरंग सेतु का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। जनवरी 2024 तक बजरंग सेतु बनकर तैयार हो जायेगा।

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69.20 करोड़ की लागत से बनने वाले बजरंग सेतु के निर्माण की शुरूआत 5 जनवरी 2022 को हुई थी। पुल का 70 फीसदी काम पूरा हो चुका है। बजरंग सेतु ऋषिकेश क्षेत्र का एक ऐतिहासिक पुल होगा। पुल पर हल्के चौपहिया वाहन भी चलेंगे। बता दें कि 92 साल पुराने जर्जर हो चुके लक्ष्मणझूला पुल को सुरक्षा की दृष्टि से 16 अप्रैल 2022 को प्रशासन ने बंद कर दिया था जिससे गंगा के आर-पार आवागमन को लेकर पर्यटकों और स्थानीय लोगों को काफी दिक्कत हो रही थी। ऐसे में बजरंग सेतु शानदार विकल्प के तौर पर सामने आया। चलिए आपको इसकी कुछ खास बातें बताते हैं। बताया जा रहा है कि टावर की ऊंचाई करीब 27 मीटर होगी। कुल 133 मीटर लंबे और आठ मीटर चौड़ाई वाला यह पुल थ्री लेन का होगा। इस पुल के बीच में छोटे चौपहिया वाहन गुजर सकेंगे। पुल के बीच में ढाई-ढाई मीटर की डबल लेन दुपहिया और चौपहिया वाहनों के लिए होगी इसकी सुंदरता बढ़ाने के लिए पुल के दोनों ओर कांच के फुटपाथ होंगे। दोनों किनारों पर डेढ़-डेढ़ मीटर चौड़े फुटपाथ 65 एमएम मोटे कांच से बनाए जाएंगे। कांच की फुटपाथ वाला यह उत्तर भारत का पहला पुल होगा। हालांकि लक्ष्मण झूला एक ऐतिहासिक पुल था, मगर अब वो हमारी यादों में ही रह गया है। उम्मीद है कि जिस तरह से लोगों ने लक्ष्मण झूला को प्यार दिया, उसी तरह लोग बजरंग सेतु को भी दिल मे बसा लेंगे और यह हाईटेक पुल ऋषिकेश के टूरिस्ट स्पॉट के रूप में जाना जाएगा।