उत्तराखंड चमोलीChamoli Girl IAS Mudra Gairola Success Story

गढ़वाल की मुद्रा गैरोला: डॉक्टरी छोड़ शुरू की UPSC की पढ़ाई, पहले IPS बनी, फिर बनी IAS

मिलिए चमोली की मुद्रा गैरोला IAS Mudra Gairola से, डॉक्टर से आईपीएस और फिर आईएएस तक का सफ़र, पढ़िए उनकी कहानी

IAS Mudra Gairola: Chamoli Girl IAS Mudra Gairola Success Story
Image: Chamoli Girl IAS Mudra Gairola Success Story (Source: Social Media)

चमोली: उत्तराखंड की बेटियां देवभूमि का नाम देश विदेश में ऊंचा कर रही हैं। आज हम आपको एक ऐसी ही बेटी से मिलवाने जा रहे हैं। यह आज लाखों बेटियों के लिए मिसाल बन गयी है।

IAS Mudra Gairola Success Story

हम बात कर रहे हैं ऐसी महिला आईएएस की जिन्होंने अपनी डॉक्टरी छोड़ी और फिर यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी। उनका दो बार मेंस निकला मगर सफलता हाथ नहीं लगी कड़ी मेहनत के बाद थर्ड अटेम्प्ट में उन्होंने आईपीएस पद पर नियुक्ति ली और अगले साल आईएएस बनकर ही दम लिया। हम बात कर रहे हैं आईएएस अधिकारी बनीं आईएएस मुद्रा गैरोला की जिनकी गिनती भारत में सबसे पसंदीदा सिविल सेवकों में होती है। मेडिकल छात्रा से आईपीएस अधिकारी और फिर आईएएस अधिकारी बनने तक का उनका सफर लाखों यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा है। उत्तराखंड के चमोली जिले के कर्णप्रयाग की रहने वाली मुद्रा ने आईएएस अधिकारी बनने के लिए अपनी मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी। उनके पिता का सपना आईएएस अधिकारी बनने का था। अपने पिता के सपने को पूरा करने के लिए मुद्रा ने मेडिकल की पढ़ाई छोड़ दी और यूपीएससी का सफर शुरू किया।इंटरमीडिएट के बाद उन्होंने मुंबई के एक मेडिकल कॉलेज में बीडीएस यानी बैचलर ऑफ डेंटल सर्जरी कोर्स में दाखिला लिया। आईएएस अधिकारी मुद्रा को बीडीएस में भी गोल्ड मेडल मिला। स्नातक स्तर की पढ़ाई के बाद, वह दिल्ली चली गईं और एमडीएस में दाखिला लिया। आगे पढ़िए

ये भी पढ़ें:

मगर पिता का सपना पूरा करने के लिए उन्होंने एमडीएस की पढ़ाई बीच में ही छोड़कर पूरी तरह यूपीएससी की तैयारी में जुट गईं। साल 2018 में उन्होंने पहली बार यूपीएससी सिविल सर्विस एग्जाम दिया। जिसमें वह इंटरव्यू राउंड तक पहुंचीं। 2019 में फिर से यूपीएससी इंटरव्यू दिया, इसके बाद भी फाइनल सेलेक्शन नहीं हुआ। हार न मानते हुए आईएएस अफसर मुद्रा गैरोला ने साल 2021 में एक बार फिर से यूपीएससी की परीक्षा दी। इस बार उनकी मेहनत थोड़ी रंग लाई और उन्होंने 165वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर की और आईपीएस बन गईं। हालांकि, उन्हें आईएएस से कम कुछ मंजूर नहीं था। साल 2022 में 53वीं रैंक के साथ यूपीएससी क्लीयर करके वह आईएएस बनने में कामयाब रहीं। जानकारी के मुताबिक, मुद्रा के पिता अरुण भी आईएएस बनना चाहते थे। इसके लिए उनके पिता ने साल 1973 में यूपीएससी की परीक्षा को भी दिया था। हलांकि, वह इंटरव्यू में सफल नहीं हो पाए थे। आज उनके ये अधूरा सपना बेटी ने पूरा कर दिखाया है।