देहरादून: चमोली जिले में स्थित औली पर्यटकों के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है।
Auli Gourson Bugyal Ropeway
यहां पर पर्यटन को और ज़्यादा पंख देने के लिए तरह तरह के विकास कार्य हो रहे हैं, जिसमें गौरसों तक रोपवे बनाना भी शामिल है। हाल ही में विकास के लिए सरकार द्वारा अलग प्राधिकरण बनाए जाने से औली का विस्तार गौंरसों तक किए जाने की कार्ययोजना प्रस्तावित है। गौरसौं तक रोपवे मार्ग से जोड़ने के साथ-साथ पैदल ट्रैक विकसित करने की मंशा पर्यटन विभाग की है। औली राज्य की खूबसूरत विंटर टूरिज्म डेस्टिनेशन है व राष्ट्रीय, अंतराष्ट्रीय शीतकालीन खेलों का स्थान भी है।औली को इंटरनेशनल विंटर डेस्टिनेशन बनाने के लिए सुविधा संपन्न बनाने हेतु एक कदम आगे बढ़ाते हुए राज्य सरकार ने यहां के विकास के लिए अलग प्राधिकरण बनाने का फैसला लिया है। दरअसल औली में पर्यटन विभाग गौरसों तक रोपवे का सर्वे कर चुका है। औली से गौरसों तक दो किमी नया रोपवे प्रस्तावित किया गया है। यह केंद्र सरकार के विशेष बजट से प्रस्तावित है। आगे पढ़िए
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औली से आगे गौरसों तक इस स्की रिजोर्ट को विकसित करने से शीतकालीन खेलों के लिए बर्फ की कमी नहीं रहेगी। गौरसों में तीन किमी फैले गौरसों बुग्याल में दिसंबर से अप्रैल माह तक बर्फ रहती है। जनवरी, फरवरी व मार्च में गौरसों बर्फ से ढका रहता है। ऐसे में नेशनल इंटरनेशनल स्कींइंग प्रतियोगिता का आयोजन यहां हो सकता है। गौरसों तक विस्तार से औली सिर्फ शीतकालीन बर्फ का पर्यटन स्तर न रहकर ग्रीष्मकालीन स्थल भी बन जाएगा। यहां वर्षभर ट्रेकर व पर्यटक आ सकते हैं। इस रोपवे के अलावा औली से गौरसों तक तीन किमी पैदल ट्रेक भी विकसित किए जाने हैं। बताते चलें कि प्राकृतिक खूबसूरती के कारण औली हिल स्टेशन को भारत का 'मिनी स्विट्जरलैंड' भी कहते हैं. गढ़वाल क्षेत्र के चमोली जिले में स्थित यह हिल स्टेशन सुमद्र तल से 3,000 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. यहां से टूरिस्ट कई पर्वत श्रृंखलाओं को देख सकते हैं। औली से पर्यटक नंदा देवी पर्वत, नागा पर्वत, डूंगगिरी, बीथरटोली, निकांत हाथी पर्वत और गोरी पर्वत को देख सकते हैं।