नैनीताल: देर से ही सही, लेकिन विजिलेंस कार्यालय अब धीरे-धीरे ऐसे लोगों को पकड़ रहा है और उनको सज़ा दे रहा है जो मासूम लोगों से रिश्वत लेते हैं या रिश्वत ले चुके हैं।
engineer Ishwari Singh Rautela sentenced for 3 years
अब विजिलेंस टीम ने एक और बढ़िया काम किया है। उन्होंने एक इंजीनियर को रिश्वतखोरी के आरोप में आखिरकार सज़ा सुना दी है। बता दें कि इंजीनियर ने आठ साल पहले घूस ली थी। अब उसे तीन साल की सज़ा मिली है। दरअसल हल्द्वानी के मल्लीताल निवासी दीपेंद्र थापा नाम के ठेकेदार ने 17 जून 2016 को शिकायत करते हुए कहा था कि नैनीताल नगरपालिका के अवर अभियंता (सिविल) ईश्वरी सिंह रौतेला ने उससे 20 हजार रुपये की डिमांड की है। जांच में शिकायत सही मिली। लेकिन कोई ठोस कार्यवाही नहीं की। वहीं घूस लेने के आठ साल पुराने मामले में विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण नीलम रात्रा की अदालत ने इंजीनियर को तीन साल की सजा सुनाई है। साथ ही 25 हजार का अर्थदंड लगाया है।
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विजिलेंस कार्यालय हल्द्वानी के अनुसार ठेकेदार ने शिकायत करते हुए कहा था कि नैनीताल नगरपालिका के अवर अभियंता (सिविल) ईश्वरी सिंह रौतेला ने उससे 20 हजार रुपये की डिमांड की है। तुरंत ही एक टीम का गठन किया गया। 20 जून को तत्कालीन विजिलेंस निरीक्षक अरविंद सिंह डंगवाल के नेतृत्व में टीम ने इंजीनियर को ठेकेदार से 20 हजार की रिश्वत लेते हुए पकड़ लिया था, जिसके बाद से न्यायालय में मामले की सुनवाई चल रही थी। आखिरकार 8 साल बाद न्यायालय ने अभियंता को तीन साल की सजा सुनाई। आपको बता देंगे कि इन दोनों विजिलेंस टीम काफी ज्यादा एक्टिव हो रखी है और रिश्वतखोरों को सजा दिलवाने के लिए दिन रात प्रयास कर रही है। इससे पहले उन्होंने हरिद्वार में एक बैंक कर्मचारी और उसके बाद देहरादून में एक ग्राम प्रधान को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा और उन पर सख्त कार्यवाही की गई।