उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालlakh rupees Electricity bill of self-employed boy in Pauri Garhwal

उत्तराखंड में स्वरोजगार का सच: पहले बिजली कनेक्शन नहीं मिला, अब आया सवा लाख का बिल

स्वरोजगार से जुड़ रहे एक युवा को ऊर्जा निमग ने महीनों तक चक्कर कटवाए लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं दिया। आगे जानिए पूरा मामला

Pauri self-employment electricity bill: lakh rupees Electricity bill of self-employed boy in Pauri Garhwal
Image: lakh rupees Electricity bill of self-employed boy in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: राज्य सरकार स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए तमाम योजनाएं चला रही है, लेकिन सरकारी सिस्टम की खामियां युवाओं की हिम्मत तोड़ रही है।

Lakh rupees Electricity bill of self-employed boy in Pauri

अब लैंसडौन में ही देख लें, यहां स्वरोजगार से जुड़ रहे एक युवा को ऊर्जा निमग ने महीनों तक चक्कर कटवाए लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं दिया। बाद में किसी तरह कनेक्शन तो लगा लेकिन साथ ही सवा लाख का बिल भी भेज दिया गया। पीड़ित सूर्यकांत बड़थ्वाल गुमखाल के पास स्थित पाली गांव में रहते हैं। वो दिल्ली की एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे। सरकार की दीनदयाल उपाध्याय होम स्टे योजना से प्रेरित होकर उन्होंने अपने गांव की पैतृक भूमि में होम स्टे बनाने का निर्णय लिया। इसके बाद उन्होंने लोन के लिए एप्लाई किया और दोस्तों व रिश्तेदारों से पैसा उधार लेकर होम स्टे निर्माण का कार्य शुरू करा दिया। एक साल पहले उन्होंने होम स्टे के लिए घरेलू उपभोक्ताओं की दरों पर बिजली कनेक्शन के लिए आवेदन किया, लेकिन जयहरीखाल व दुगड्डा ब्लाक के क्षेत्राधिकार के मामले को लेकर उनके आवेदन को रद्द कर दिया गया।

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इसके बाद उन्होंने जनवरी 2023 को दुगड्डा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले ऊर्जा निगम में आवेदन किया। लेकिन, विभाग ने आठ माह तक आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया। उच्चाधिकारियों से शिकायत के बाद बिजली का कनेक्शन तो लगा, लेकिन साथ ही उन्हें एक लाख पच्चीस हजार आठ सौ रुपये का बिल भी थमा दिया गया। पूछताछ करने पर अधिकारियों ने इसकी वजह भी नहीं बताई। सूर्यकांत बताते हैं कि वो नौकरी छोड़कर अपना काम शुरू करना चाहते थे, लेकिन ऊर्जा निगम के बेपरवाह रवैये ने उनकी हिम्मत तोड़ दी है। उन्हें बिल के संबंध में कोई संतुष्ट जवाब नहीं मिल पाया है। उन्होंने बिजली कनेक्शन मिलने में देरी की शिकायत की थी, जिसके चलते उन्हें लाखों का बिल थमा दिया गया। वहीं मामले को लेकर कोटद्वार खंड अधिशासी अभियंता नंदिता अग्रवाल ने कहा कि इस संबंध में लिखित शिकायत मिली है। पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी।