उत्तराखंड रुड़कीEntry ban for women of Valmiki community in temple Roorkee

उत्तराखंड: यहां वाल्मीकि समाज की महिलाओं को मंदिर में नहीं मिली एंट्री, मचा बवाल

आरोप है की पुजारी ने महिलाओं को मंदिर में नहीं जाने दिया। महिलाओं ने विरोध किया तो पुजारी ने उन्हें जातिसूचक शब्द कहकर अपमानित किया।

Roorkee Valmiki Samaj Mahila Case: Entry ban for women of Valmiki community in temple Roorkee
Image: Entry ban for women of Valmiki community in temple Roorkee (Source: Social Media)

रुड़की: इंसान चांद पर पहुंच गया है, लेकिन कुछ लोग आज भी अपनी संकीर्ण सोच से उबर नहीं पा रहे। अब हरिद्वार में ही देख लें।

Entry ban for women of Valmiki community in temple

न्यूज पोर्टल देहरादून टाइम्स की खबर के अनुसाल यहां वाल्मीकि समाज की महिलाओं संग अछूत जैसा व्यवहार किया गया, आरोप है कि एक मंदिर के पुजारी ने महिलाओं को मंदिर में प्रवेश करने से रोक दिया। उन्हें भद्दी बातें कहीं, जातिसूचक शब्द कहे। मामले की खबर फैली तो गुस्साए लोग मौके पर पहुंच गए। लोगों ने वहां जमकर हंगामा किया और पुलिस को तहरीर देकर पुजारी पर कार्रवाई की मांग की। हालांकि, बाद में पुजारी के माफी मांगने और भविष्य में ऐसी कोई गलती न दोहराने के बाद मामले में सुलह हो गई। घटना रुड़की के गंगनहर कोतवाली क्षेत्र की है। आगे पढ़िए

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सुबह यहां वाल्मीकि समाज की महिलाएं पश्चिमी अंबर तालाब के पास एक मंदिर में दर्शनों को पहुंची थीं, आरोप है कि इस दौरान पुजारी ने उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका। विरोध करने पर महिलाओं संग बदसलूकी की। सूचना पर वाल्मीकि समाज के लोग एकत्रित होकर मंदिर के बाहर पहुंचे और जमकर हंगामा किया। साथ ही कोतवाली पहुंचकर पुजारी के खिलाफ तहरीर दी। बाद में मामला पुलिस के पास पहुंचा। लोगों ने बताया कि पुजारी ने महिलाओं को जातिसूचक शब्द कहे। पुलिस के पूछताछ करने पर पुजारी ने अपनी गलती मान ली और माफी मांगते हुए भविष्य में दोबारा ऐसा नहीं करने की बात कही। मामले में समझौता होने के बाद वाल्मीकि समाज के लोग वापस लौट गए। कोतवाली प्रभारी अमरजीत सिंह ने बताया कि माहौल खराब करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। फिलहाल दोनों पक्षों में सुलह हो गई है, जिसके बाद क्षेत्र में शांति है।