अल्मोड़ा: उत्तराखंड में गजब हो रहा है। कहीं एंबुलेंस न मिलने की वजह से मरीज दम तोड़ रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ एंबुलेंस मरीजों के बजाय नशे की खेप पहुंचाने में बिजी हैं।
218 kg ganja inside ambulance in Almora
अल्मोड़ा जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। यहां ड्राइवर साइरन बजाकर एंबुलेंस दौड़ा रहा था। पुलिस ने रोका तो कहने लगा कि एंबुलेंस में मरीज है, जिसकी हालत गंभीर है। पुलिस ने चेकिंग शुरू की तो एंबुलेंस में मरीज तो नहीं मिला, हां 218 किलो गांजा जरूर बरामद हुआ। पुलिस ने एंबुलेंस के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है। घटना भतरौंजखान इलाके की है, जहां पुलिस ने एक एंबुलेंस को रोका, ताकि ड्राइवर को अंधेरे के दौरान पहाड़ी रास्ते पर संभल कर चलने की हिदायत दी जा सके। पुलिस को बातचीत के दौरान ड्राइवर-कंडक्टर पर शक हो गया।
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तलाशी के दौरान एंबुलेंस में मरीज की जगह 16 कट्टों में 218 किलो गांजा मिला। पुलिस ने बताया कि एंबुलेंस का सायरन बज रहा था और ड्राइवर को चेकप्वाइंट पार करने की जल्दी थी। पुलिस को देख वो डर गया था। ड्राइवर ने पुलिस को बताया कि वह एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को रामनगर के एक अस्पताल ले जा रहा है। हालांकि, पुलिस को एबुलेंस के अंदर 16 बोरी गांजा मिले। पूछताछ में ड्राइवर ने बताया कि गांजा सराईखेत में एक व्यक्ति द्वारा सप्लाई किया गया था और इसे काशीपुर पहुंचाया जाना था। ड्राइवर को एक एनजीओ ने मोबाइल मेडिकल एंबुलेंस चलाने के लिए तैनात किया था, लेकिन वो इससे चरस-गांजे की तस्करी करने लगा। इस मामले में ड्राइवर रोशन लाल पुत्र चमन लाल (38) की गिरफ्तारी हुई है, जबकि उसका साथी धर्मेंद्र पुत्र राजेंद्र निवासी ग्राम स्युन्सी थाना थैलीसैण फरार हो गया। ड्राइवर और उसके साथी पर एनडीपीसी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है।