उत्तरकाशी: Uttarkashi Silkyara Tunnel में निर्माणाधीन सुरंग में हुए भूस्खलन के बाद वहां फंसे मजदूरों को बचाने की कोशिशें जारी हैं।
40 people trapped in Uttarkashi Silkyara Tunnel auger machine broken
बचावकर्मियों ने कहा कि फंसे हुए 40 मजूदरों के पास तक पहुंचने के लिए टीमों को अभी भी लगभग 35 मीटर से अधिक मलबा साफ करना होगा। रेस्क्यू ऑपरेशन को चलते हुए करीब 72 घंटे से अधिक का समय हो गया है। तीन दिन से बचाव अभियान जारी है। अब यहां ऑगर ड्रिलिंग मशीन मंगाई गई है, इस मशीन का काम मलबे में 900 मिमी स्टील पाइप लगाना था। इन 900 मीटर के पाइप के जरिए सुरंग में फंसे हुए मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला जाना था। ऑगर मशीन के लिए प्लेटफार्म पहले ही तैयार कर लिया गया था। लेकिन अब सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि ऑगर ड्रिलिंग मशीन में तकनीकी खराबी आने की वजह से रेस्क्यू कार्य में देरी हो रही है। कंट्रोल रूम से सम्पर्क कर जानकारी दी गयी की दूसरी मशीन मंगवाई जा रही है। 72 घंटों से सुरंग में फंसे श्रमिकों को सुरक्षित रेस्क्यू करने में और कितना समय लगेगा? कुछ स्पष्ट होता नहीं दिख रहा है। आगे पढ़िए
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सुरंग का दौरा करने के बाद सचिव आपदा प्रबंधन रंजीत कुमार सिन्हा ने कहा कि सुरंग के अंदर सभी मजदूर सुरक्षित हैं, जिन्हें पाइपलाइन के जरिए खाना, पानी और ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है। अच्छी बात ये है कि मजदूरों से बातचीत हो रही है। उन्हें खाद्य सामग्री भी पहुंचाई गई है। टनल में रेस्क्यू कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। टनल के अन्दर फंसे श्रमिकों से पाइप के माध्यम से उनके परिजनों की बातचीत करवाकर धैर्य बंधाया जा रहा है। बता दें कि यमुनोत्री हाईवे पर निर्माणाधीन सुरंग में 12 घंटे की शिफ्ट खत्म कर मजदूर रविवार सुबह करीब आठ बजे दीपावली की छुट्टी मनाने के लिए जाने ही वाले थे, लेकिन ढाई घंटे पहले ही सुबह साढ़े पांच बजे सुरंग के सिलक्यारा वाले मुहाने से करीब 250 मीटर आगे 35 मीटर हिस्से में भूस्खलन हो गया। उस वक्त सुरंग में 45 मजदूर थे। पांच मजदूर मौके से भागने में कामयाब रहे, जबकि 40 सुरंग में ही फंस गए। चार कंपनियों नवयुगा, श्री साईं कंस्ट्रक्शन, नव दुर्गा आदि के मजदूर सुरंग में फंसे हुए हैं। इन्हें बचाने के लिए हाईटेक मशीनों की मदद ली जा रही है। Uttarkashi Silkyara Tunnel से जेसीबी व अन्य मशीनों से मलबा हटाने का काम जारी है।