उत्तराखंड उत्तरकाशीindias longest rescue operation Silkyara

उत्तराखंड में चला देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन, इन अभियानों की हुई देशभर में चर्चा

ऑपरेशन सिलक्यारा देश का अब तक का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन रहा, जिसे पूरा करने में 17 दिन का वक्त लगा।

Uttarakhand Tunnel Rescue: indias longest rescue operation Silkyara
Image: indias longest rescue operation Silkyara (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: देश-दुनिया के विशेषज्ञों की मेहनत रंग लाई। सिलक्यारा में सुरंग में फंसे मजदूरों को बाहर निकाल लिया गया है।

indias longest rescue operation Silkyara

ऑपरेशन सिलक्यारा देश का सबसे लंबा रेस्क्यू ऑपरेशन रहा, जिसे पूरा करने में 17 दिन का वक्त लगा। इससे पहले साल 1989 में पश्चिमी बंगाल की रानीगंज कोयला खदान से दो दिन चले अभियान के बाद 65 मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। 13 नवंबर 1989 को पश्चिम बंगाल के महाबीर कोल्यारी रानीगंज कोयला खदान जलमग्न हो गई थी। इसमें 65 मजदूर फंस गए थे। इनको सुरक्षित बाहर निकालने के लिए स्टील कैप्सूल की मदद ली गई और दो दिन की मेहनत के बाद सभी को बचा लिया गया। साल 2006 में ऐसा ही अभियान हरियाणा के कुरुक्षेत्र के हल्ढेरी गांव में चलाया गया था। यहां पांच साल का बच्चा प्रिंस बोरवेल में गिर गया था। बचाव दलों ने लोहे के पाइपों को जोड़कर करीब 50 घंटे की कड़ी जद्दोजहद के बाद बच्चे को बोरवेल से बाहर निकाला था। ये तो हुई देश में चले रेस्क्यू ऑपरेशंस की बात, अब विदेशों में हुए चर्चित मामलों पर भी नजर डाल लेते हैं। सबसे पहले थाई गुफा अभियान की बात करेंगे। 23 जून 2018 को थाईलैंड की थाम लुआंग गुफा में वाइल्ड बोअर्स फुटबॉल टीम बारिश के कारण हुए जलभराव की वजह से भीतर फंस गई थी। यहां करीब दो हफ्ते तक बचाव अभियान चला। इस दौरान पूर्व थाईलैंड के नेवी सील समन कुनान को जान भी गंवानी पड़ी। 90 गोताखोर लगाए गए। करीब दो हफ्ते बाद सभी खिलाड़ियों को बचा लिया गया। आगे पढ़िए

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इसी तरह पांच अगस्त 2010 को सैन जोस सोने और तांबे की खदान के ढहने से 33 मजदूर उसमें दब गए थे। 69 दिन के बाद 13 अक्टूबर को सभी मजदूरों को एक-एक करके सुरंग से बाहर निकाला गया। 24 जुलाई 2002 को अमेरिका के पेंसिल्वेनिया के समरसेट काउंटी की क्यूक्रीक माइनिंग इंक खदान में नौ मजदूर फंस गए। इन्हें केवल 22 इंच चौड़ी आयरन रिंग के सहारे 77 घंटे बाद बाहर निकाला जा सका था। बहरहाल सिलक्यारा सुरंग में फंसे सभी 41 मजदूर अब खुली हवा में सांस ले रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सिलक्यारा में 41 श्रमिकों की सकुशल वापसी पर मुख्यमंत्री धामी को फोन कर शुभकामनाएं दीं। रेस्क्यू ऑपरेशन की सफलता पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि यह बचाव अभियान चुनौतियों से भरा था। हिमालय हमें दृढ़ और अचल बने रहने और आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित करता है।