उत्तराखंड देहरादूनUttarakhand DGP Abhinav Kumar gave instructions to officers

उत्तराखंड: चार्ज संभालते ही एक्शन में आए DGP, इन 10 कामों पर रहेगा फोकस

उत्तराखंड के नए डीजीपी अभिनव कुमार ने समस्त जनपद प्रभारियों, सेनानायकों, एवं परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में बैठक की।

Uttarakhand New DGP: Uttarakhand DGP Abhinav Kumar gave instructions to officers
Image: Uttarakhand DGP Abhinav Kumar gave instructions to officers (Source: Social Media)

देहरादून: उत्तराखंड के नए डीजीपी अभिनव कुमार ने समस्त जनपद प्रभारियों, सेनानायकों, एवं परिक्षेत्र प्रभारियों के साथ पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में बैठक की।

DGP Abhinav Kumar gave instructions to officers

डीजीपी ने अपने सम्बोधन में कहा कि उत्तराखण्ड पुलिस की संवृद्धि और विकास मुख्य लक्ष्य है। बैठक के दौरान कार्मिक, अपराध एवं कानून व्यवस्था अनुभागों की समीक्षा कर अभिनव कुमार महोदय पर निम्न बिंदुओं पर दिशा-निर्देश दिये गये।
1- उत्तराखण्ड पुलिस द्वारा उत्तराखण्ड शासन को प्रेषित सभी प्रस्तावों की ठोस पैरवी की जाएगी।
2- चतुर्थ श्रेणी के पदों को आरक्षी ट्रेडमेन से पद नामित किये जाने का प्रयास किया जाएगा।
3- समस्त जनपद एवं वाहिनी प्रभारी कार्मिकों के एसीआर व एचआरएमएस के डेटा को शत प्रतिशत ऑनलाइन फीड कराना सुनिश्चित कर लें।
4- समस्त शाखा/इकाई प्रभारी अपने अधीनस्थ समस्त कैडर्स की समीक्षा कर लें, जिससे कार्मिक पदोन्नति एवं अन्य सुविधाओं का समय से लाभ ले सकें।
5- जमानत एवं पेरोल पर आये अभियुक्तों की निगरानी और उनकी गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रखें। मासिक अपराध गोष्ठी में जेल अधीक्षकों को भी आमंत्रित करें और उनसे भी सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। एसटीएफ भी सीमावर्ती राज्यों की जेलों से जमानत एवं पेरोल पर आये अभियुक्तों की नियमित निगरानी करें। आगे पढ़िए

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6- समस्त जनपद प्रभारी नियमित रूप से ICJS पोर्टल पर मॉनिटरिंग करें।
7- निरोधात्मक कार्यवाहियां प्रोएक्टिव पुलिसिंग को दर्शाती है। इस पर विशेष फोकस किया जाए।
8- NDPS एक्ट एवं गैंगस्टर एक्ट के अन्तर्गत अवैध रूप से अर्जित की गयी सम्पत्ति की जब्तीकरण की कार्यवाही और गुण्डा एक्ट के अन्तर्गत जिला बदर की कार्यवाही बढ़ायी जाए।
9- सड़क दुर्धटना सम्भावित क्षेत्रों का चिन्हिकरण वहां रोड साइनेंज और पुलिस कर्मियों को नियुक्त किया जाये।
10- सम्बन्धित विभागों एवं हितधारकों के साथ समुचित समन्वय स्थापित कर प्रिवेन्टिव ट्रैफिक मेनेजमेन्ट के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार कर लें।