उत्तराखंड पौड़ी गढ़वालrats gnawed dead body of Village Development Officer in Pauri Garhwal

Pauri garhwal news: ग्राम विकास अधिकारी की लाश को कुतर गए चूहे, हालत देखकर बिलख उठे परिवार वाले

शव मोर्चरी में रखा हुआ था, लेकिन अगली सुबह जब परिजनों ने शव की हालत देखी तो उनका दिल दर्द से तड़प उठा। आगे जानिए पूरा मामला

Pauri Garhwal Rahul Upreti: rats gnawed dead body of Village Development Officer in Pauri Garhwal
Image: rats gnawed dead body of Village Development Officer in Pauri Garhwal (Source: Social Media)

पौड़ी गढ़वाल: पौड़ी में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही ने एक परिवार को गहरा सदमा दे दिया।

rats gnawed dead body of VDO in Pauri Garhwal

यहां एक ग्राम विकास अधिकारी की अचानक मौत हो गई। मौत किस वजह से हुई, ये जानने के लिए शव का पोस्टमार्टम किया जाना था। शव मोर्चरी में रखा गया था, लेकिन अगली सुबह जब परिजनों ने शव की हालत देखी तो उनका दिल दर्द से तड़प उठा। बीडीओ के शव को चूहों ने कुतर दिया था। अधिकारी के परिजनों ने स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही समेत कई गंभीर आरोप लगाए हैं। घटना एकेश्वर के नौगांवखाल की है। ग्राम विकास अधिकारी राहुल उप्रेती यहां कई साल से तैनात थे। शुक्रवार को उनकी तबीयत बिगड़ गई। पत्नी ने उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई। ग्राम विकास अधिकारी की पत्नी ने बताया कि शव का पोस्टमार्टम होना था, लेकिन सीएचसी में मोर्चरी न होने की वजह से शव को जिला मुख्यालय पौड़ी लाया गया।

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यहां डीप फ्रीजर खराब था, लेकिन उन्हें इस बारे में कुछ नहीं बताया गया। डीप फ्रीजर का दरवाजा भी पूरा बंद नहीं हुआ था। जिन कर्मचारियों पर शव रखने की जिम्मेदारी थी, उनका रेस्पांस भी बहुत ही नकारात्मक रहा। रात होने की वजह से शव मोर्चरी में रख दिया गया। सुबह जब परिजनों को शव दिया गया तो उनके होश उड़ गए। चूहों ने शव को कुतर दिया था। जिस पर परिजनों ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने मोर्चरी में सही इंतजाम नहीं किए हैं, सुविधाओं के प्रति विभाग लापरवाह बना हुआ है। इस मामले में प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। बता दें कि ग्राम विकास अधिकारी राहुल उप्रेती पुत्र संपूर्णानंद उप्रेती बीते छह साल से ब्लॉक एकेश्वर में सेवारत रहे। उनके निधन से ब्लॉक में शोक की लहर है। परिजन गहरे सदमे में हैं, उस पर स्वास्थ्य विभाग के बेपरवाह रवैये ने उनके दर्द को और बढ़ा दिया है।