उत्तराखंड ऋषिकेशRenovation of old railway station of Rishikesh

Uttarakhand news: हाईटेक हुआ ऋषिकेश का पुराना रेलवे स्टेशन, जानिए अब क्या बदलाव हुए

Rishikesh Old Railway Station पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के अंतर्गत फायर अलार्म सिस्टम भी लगाया गया है। इससे आगजनी की घटनाओं को रोका जा सकेगा।

ऋषिकेश पुराना रेलवे स्टेशन: Renovation of old railway station of Rishikesh
Image: Renovation of old railway station of Rishikesh (Source: Social Media)

ऋषिकेश: उत्तराखंड में रेल सेवाओं में सुधार की कवायद जारी है।

Renovation of old railway station of Rishikesh

रेलवे स्टेशनों को हाईटेक बनाया जा रहा है, ताकि यात्रियों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें। इसी कड़ी में ऋषिकेश के पुराने रेलवे स्टेशन का भी कायाकल्प किया गया है। यहां इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य पूरा हो गया है। अब योग नगरी ऋषिकेश स्टेशन की तरह पुराने ऋषिकेश स्टेशन से भी 24 कोच की रेल गाड़ियां संचालित हो पाएंगी। स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के अंतर्गत फायर अलार्म सिस्टम भी लगाया गया है। इससे आगजनी की घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सकेगा। मुरादाबाद रेल मंडल ने यहां इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का काम कराया है। इससे रेलगाड़ियों की गति एवं सुरक्षा में वृद्धि होगी। ऋषिकेश रेलवे स्टेशन में इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के पूर्ण होने का फायदा रेल यात्रियों एवं कर्मचारियों को मिलेगा। आगे पढ़िए

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स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या एक पर 24 कोच की यात्री गाड़ी का संचालन किया जा सकेगा। इस स्टेशन में 16 प्वाइंट की मशीन को इलेक्ट्रॉनिक किया गया है, जिससे सुरक्षा बढ़ेगी। स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग के अंतर्गत फायर अलार्म सिस्टम भी लगाया गया है। रेलवे स्टेशन पर डाटा लागर इफ्ट्रॉनिक्स लगने से स्टेशन से संचालित होने वाली गाड़ियों का रिकॉर्ड भी सुरक्षित रहेगा। इससे भविष्य में ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर गाड़ियों की संख्या को भी बढ़ाया जा सकता है। बता दें कि रेल मंडल मुरादाबाद की गति शक्ति यूनिट की ओर से पुराने ऋषिकेश रेलवे स्टेशन पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का कार्य दिसंबर के पहले हफ्ते में शुरू किया गया था, जो मंगलवार को पूरा हो गया। मुख्य परियोजना प्रबंधक (गति शक्ति) यशवंत सिंह के निर्देशन में तथा अपर मंडल रेल प्रबंधक (परिचालन) राकेश सिंह की उपस्थिति में Rishikesh Old Railway Station पर इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग का विधिवत उद्घाटन कर रेलगाड़ियों का संचालन शुरू किया गया।