उत्तराखंड उत्तरकाशीSilkyara Tunnel Project work started

Silkyara Tunnel Project: हादसे के बाद टनल प्रोजक्ट शुरू, सिर्फ 480 मीटर बचा है सुरंग का काम

Silkyara Tunnel Project 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा बचा हुआ है। कंपनी पहले बड़कोट सिरे से काम कर रही है।

Silkyara Tunnel Project: Silkyara Tunnel Project work started
Image: Silkyara Tunnel Project work started (Source: Social Media)

उत्तरकाशी: उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग के पास एक बार फिर चहल-पहल दिखने लगी है।

Silkyara Tunnel Project work started

दिवाली के दिन यहां 41 मजूदर सुरंग के भीतर फंस गए थे। जिन्हें कई दिनों की मशक्कत के बाद बाहर निकाला जा सका। इस घटना के 38 दिन बाद सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य दोबारा शुरू हो गया है। 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा बचा हुआ है। कंपनी पहले बड़कोट सिरे से काम कर रही है। जांच होने के बाद सिलक्यारा सिरे से भी सुरंग निर्माण शुरू किया जाएगा। केवल 480 मीटर सुरंग निर्माण बचा हुआ है। नवयुगा कंपनी बड़कोट सिरे पर काम कर रही है। सुरंग का निर्माण नए साल में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उधर, एनएचआईडीसीएल सिलक्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में काम करने वाली कंपनियों के बिल का इंतजार कर रहा है। उस वक्त तमाम कंपनियों ने अपनी मशीनरी को यहां मंगाकर बचाव अभियान में हिस्सा लिया था।

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उनके बिल आने के बाद एनएचआईडीसीएल इसका पूरा खर्च नवयुगा कंपनी से वसूल करेगा। बता दें कि चारधाम ऑलवेदर परियोजना के तहत यमुनोत्री मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर की सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजदूर फंस गए थे। 17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद पड़ा है। मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ जांच समिति ने सिलक्यारा हादसे की जांच शुरू कर दी है। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की कैबिनेट ने ऑपरेशन Silkyara Tunnel Project की सफलता पर बधाई प्रस्ताव भी पास किया है, जिसके मिनट्स केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किए हैं। चार पेज की रिपोर्ट में मजदूरों को बचाने के अभियान को अंत तक पहुंचाने का जिक्र करते हुए बचाव दलों की प्रशंसा की गई है।