देहरादून: 18 महीने का इंतजार आखिरकार मंगलवार को खत्म हुआ, कतर की जेल से रिहाई के बाद पूर्व नौसेना अधिकारी कैप्टन सौरभ वशिष्ठ बीती शाम दून पहुंचे।
Return of Indian Ex Navy captain saurabh vashisht Jailed in Qatar
उनके टर्नर रोड स्थित आवास में पहुंचते ही लोगों ने फूल-मालाओं से कैप्टन सौरभ का स्वागत किया। बेटे को देख पिता वायु सेना के सेवानिवृत्त विंग कमांडर आरके वशिष्ठ और मां राजी के आंसू छलक आए। मां ने भावुक होकर बेटे की आरती उतारी और तिलक किया। परिवार के सभी लोगों ने मंगलवार का उपवास रखा था। सौरभ रात में जैसे ही दून पहुंचे तो सबसे पहले मोहब्बेवाला स्थित सांई मंदिर में रुके और दर्शन किए। इसके बाद उन्होंने घर पहुंचकर घर के मंदिर में दर्शन कर आशीर्वाद लिया। कैप्टन सौरभ ने कहा कि मुसीबत के वक्त में उनके माता-पिता, पत्नी व बच्चों से जो संबल उन्हें मिला, शब्दों में उसका जिक्र नहीं किया जा सकता है।
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बीते 18 माह की बात करते हुए उन्होंने कहा कि मैं यह नहीं कहूंगा कि वह दिन आराम से कटे, पर वह दिन अब पीछे छूट गए हैं और अब मुझे नई जिंदगी जीनी है। आपको बता दें कि कतर की अदालत ने भारतीय नौसेना के 8 पूर्व अधिकारियों को मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी अल दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज और कंसल्टेंसी सर्विसेज के साथ काम कर रहे थे, जिन्हें कथित भ्रष्टाचार और जासूसी के आरोप (मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार) में गिरफ्तार किया गया था। अक्टूबर 2023 में इन्हें मौत की सजा सुनाई गई थी, बाद में सजा को उम्रकैद में तब्दील कर दिया गया। अब कतर ने अधिकारियों की मौत की सजा खत्म कर सभी को रिहा कर दिया है।