उत्तराखंड देहरादून4 percent reservation in government services for medalist players

उत्तराखंड: होनहार खिलाड़ियों को रोजगार देगी सरकार, सरकारी नौकरी में मिलेगा 4 प्रतिशत आरक्षण

राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक पाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी सेवाओं में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।

Medalist player Government job reservation : 4 percent reservation in government services for medalist players
Image: 4 percent reservation in government services for medalist players (Source: Social Media)

देहरादून: प्रदेश की धामी सरकार ने खिलाड़ियों के हक में अहम फैसला लिया है। इसके तहत राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक पाने वाले खिलाड़ियों को सरकारी सेवाओं में 4 प्रतिशत आरक्षण का लाभ मिलेगा।

4 percent reservation in government services for medalist players

सरकार ने विधानसभा में उत्तराखंड लोक सेवा (कुशल खिलाडिय़ों के लिए क्षैतिज आरक्षण) विधेयक 2024 प्रस्तुत किया। जिसके माध्यम से धामी सरकार ने खिलाड़ियों के लिए सरकारी सेवाओं में रोजगार के अवसर सृजित करने की दिशा में कदम बढ़ाया है। कुशल खिलाड़ी ऐसे नागरिक को माना जाएगा, जिसका मूल अधिवास उत्तराखंड में है, परंतु उसने अन्य कहीं का कोई स्थायी अधिवास प्रमाण पत्र प्राप्त नहीं किया है। ऐसे खिलाड़ी, जिनका मूल अधिवास उत्तराखंड में नहीं है, लेकिन वर्ष 2001 या उस समय जारी किसी शासनादेश के तहत उत्तराखंड में स्थायी अधिवास का प्रमाण पत्र प्राप्त किया हो, वह इस दायरे में आएगा। विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि ओलंपिक खेल में पदक विजेता अथवा हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को लेवल 10 या उससे निम्न पदों पर आरक्षण दिया जाएगा।

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विश्वकप, विश्व चैंपियनशिप अथवा एशियन खेल के पदक विजेता या हिस्सा लेने वाले खिलाड़ी को लेवल आठ अथवा उससे निम्न लेवल के पदों पर आरक्षण मिलेगा। इसी तरह राष्ट्रमंडल खेल अथवा एशियन चैंपियनशिप में पदक विजेता अथवा हिस्सा लेने वालों को लेवल सात या उससे निम्न पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। राष्ट्रमंडल चैंपियनशिप व अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय खेल में पदक विजेता अथवा भाग लेने वालों को लेवल छह या उससे निम्न पदों पर आरक्षण मिलेगा। राष्ट्रीय खेल, मान्यता प्राप्त राष्ट्रीय खेल संघों द्वारा आयोजित चैंपियनशिप, अखिल भारतीय विश्वविद्यालय खेल या खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पदक विजेताओं को लेवल पांच अथवा उनसे कम पदों पर आरक्षण दिया जाएगा। इस विधेयक में स्पष्ट किया गया है कि लोक सेवाओं के दायरे में सरकारी विभाग, सहकारी समिति, बोर्ड या निगम, सरकार के नियंत्रण वाले कानूनी निकाय, सरकार के नियंत्रण वाले शिक्षण संस्था और विश्वविद्यालयों को लिया गया है।