देहरादून: धामी मंत्रिमंडल की बैठक में उत्तराखंड लोक तथा निजी संपत्ति अध्यादेश 2024 पर मुहर लग गई।
Decision in Uttarakhand Dhami cabinet meeting on March 4
इस एक्ट के बनने से दंगाईयों व प्रदर्शनकारियों की ओर से सरकारी व निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर सख्त कार्रवाई और वसूली का प्रावधान किया जा रहा है। दंगे या आंदोलन में अगर नुकसान किया गया तो संबंधित पर कार्रवाई होगी। अध्यादेश लागू होने के लिए राजभवन भेजा जाएगा। लोकसभा चुनाव से पहले आज सोमवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंधामी की अध्यक्षता में सचिवालय में कैबिनेट बैठक शुरू हुई, जिसमें कई बड़े फैसलों को हरी झंडी मिली। चर्चा के बाद उत्तराखंड लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली एक्ट बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। बैठक में आठ प्रस्ताव आए। इस दौरान कहा गया कि सहायक लेखाकार के पदों पर विभिन्न विभागों में वरिष्ठता अलग हो जाती है। अब ये वित्त विभाग के हिसाब से होंगे। इसके अलावा कैबिनेट में अन्य कई फैसले लिए गए।
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बैठक में ट्री प्रोटेक्शन एक्ट 1976 में संशोधन प्रस्ताव लाया गया। एक्ट में संशोधन से निजी भूमि पर उगे पेड़ों की कई प्रजातियों को वन अधिनियम से बाहर किया जाएगा। जिससे निजी भूमि पर पेड़ कटान के लिए वन विभाग से अनुमति नहीं लेनी पड़ेगी। कैबिनेट में शिक्षा, स्वास्थ्य, शहरी एवं आवास से संबंधित सेवा नियमावली व अन्य प्रस्तावों पर चर्चा हुई। हाईकोर्ट के आदेश पर चार जिलों देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और ऊधमसिंहनगर के फैमिली कोर्ट्स में चाइल्ड और जनरल काउंसलर का एक-एक पद होगा। उत्तराखंड भूतत्त्व एवं खनिकर्म विभाग के दो अधिकारियों के पदनाम में संशोधन को स्वीकृति मिली। अशासकीय विद्यालयों में भर्ती की रोक हटा ली गई। उच्च शिक्षा में भर्ती की जो समिति बनी है, वही माध्यमिक विद्यालयों में भी भर्ती करेगी। इसके अलावा एनआईटी सुमाड़ी के प्रथम चरण के निर्माण के लिए 5.335 एकड़ भूमि तकनीकी विभाग द्वारा एनआईटी को देने पर सहमति बनी है।