उत्तराखंड नैनीतालContempt of High Court orders notice to 2 DM

उत्तराखंड: हाईकोर्ट के आदेश नहीं माने, तो हुआ 1000 करोड़ का नुकसान.. 2 जिलों के डीएम को नोटिस

उत्तराखंड में नैनीताल हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने नैनीताल और हरिद्वार के जिलाधिकारियों को अवमानना का नोटिस जारी किया है।

हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना: Contempt of High Court orders notice to 2 DM
Image: Contempt of High Court orders notice to 2 DM (Source: Social Media)

नैनीताल: नैनीताल हाईकोर्ट का मानना है की उनके आदेश का पालन नहीं किए जाने के कारण उत्तराखंड में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हुई। जिसके बाद राज्य सरकार को 1000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।

Contempt of High Court orders, Notice to 2 DM

न्यायमूर्ति हाईकोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड सरकार ने उनके 14 फरवरी 2023 के आदेश का पालन नहीं किया। दरअसल, नैनीताल हाईकोर्ट ने 14 फरवरी 2023 को राज्य सरकार के संबंधित विभागों को नदियों से गाद, मलबा व बोल्डर हटाने और राज्य की सभी नदियों का चैनलाइजेशन करने का आदेश दिया था। रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्य सरकार ने अब तक कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया है। नैनीताल हाईकोर्ट अवमानना याचिका में जनपद नैनीताल और जनपद हरिद्वार के जिलाधिकारियों को पक्षकार बनाया गया है।
मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ में हुई। नैनीताल हाईकोर्ट ने पूर्व के आदेश का पालन नहीं करने के खिलाफ दायर अवमानना याचिका पर सुनवाई की। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने हरिद्वार व नैनीताल जनपदों के जिलाधिकारियों को आदेश का पालन नहीं करने पर, जवाब पेश करने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। हरिद्वार व नैनीताल जनपदों के जिलाधिकारियों को अप्रैल महीने में हाईकोर्ट में अपना जवाब पेश करना है। आगे पढ़िए..

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हल्द्वानी निवासी भुवन चंद्र पोखरिया, जिन्होंने सरकार को कटघरे में खड़ा किया है, ने अवमानना याचिका दायर की है। उन्होंने अपने केस की पैरवी स्वयं करते हुए कहा कि बरसात का मौसम आने वाला है और उस समय राज्य की नदियां उफान में रहती हैं। पहाड़ी नदियों का उफान रोकने के लिए अगर नदी को सही तरीके से चेनलाईज नहीं किया गया तो इसके कारण नदी अपना रुख आबादी वाले क्षेत्र की ओर कर देती हैं। जिस कारण क्षेत्र में अत्यधिक पानी भर जाता है।

मैदानी इलाकों में बड़ी समस्या

नदियों का ये पानी बाड़ और भू-धसाव की समस्या उत्पन्न कर देता है। जिससे राज्य की कई हैक्टेयर जमीन, बिल्डिंग्स और सरकारी योजनाएं ध्वस्त हो जाती हैं। ये स्थिति ज्यादातर राज्य के हरिद्वार, ऊधम सिंह नगर, रामनगर, रुड़की और देहरादून जैसे मैदानी जिलों में होती हैं। ऐसी स्थिति के कारण 2023 में राज्य के कई पुल बह गए थे। जिससे सरकार को करोड़ों का नुकसान भी हुआ। कुल नुक्सान लगभग 1000 करोड़ बताया गया है। भुवन चंद्र पोखरिया ने सीधे शब्दों में सरकार को पिछले साल में आई बाढ़ का कारण बताया है। उन्होंने ने बताया सरकार द्वारा हाईकोर्ट की बात नहीं मानने के कारण पिछली बरसात में इतना नुकसान हुआ, जो इस साल भी होने की कगार पर है।