उत्तराखंड देहरादूनDehradun Doctor Loses 44 Lakhs in 85 Crore Scam

देहरादून: डॉक्टर ने 85 करोड़ के चक्कर में गंवाए 44 लाख रुपए, आप न करें ये गलती

होटल निर्माण हेतु देहरादून के एक डॉक्टर ने किसी फाइनेंस कंपनी में आवेदन किया था जिसके बाद उनसे प्रोसेसिंग फीस के नाम पर लाखों रुपए की ठगी हो गई।

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Image: Dehradun Doctor Loses 44 Lakhs in 85 Crore Scam (Source: Social Media)

देहरादून: दून में टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर चलाने वाले डाक्टर सैनी को 85 करोड़ का लोन दिलाने का झांसा देकर सिटी फिनकॉप कंपनी ने उनसे 44 लाख रुपए की धोखाधड़ी कर ली है। मुकदमा दर्ज कर कोर्ट के आदेश के बाद कंपनी और उसके कर्मचारियों के खिलाफ जांच चल रही है।

Dehradun Doctor Loses ₹44 Lakhs in ₹85 Crore Scam

आजकल ऑनलाइन मुनाफे या कमाई के चक्कर में लोग साइबर ठगी का शिकार होते हैं। यह समस्या केवल मासूम लोगों को ही नहीं प्रभावित करती है, बल्कि पढ़े लिखे लोग भी इसका शिकार होते हैं और इनके जाल में फंसकर अपनी गाढ़ी कमाई गँवा बैठते हैं। ऐसा ही कुछ मामला देहरादून से आया है, जहाँ पर एक डॉक्टर ने 85 करोड़ लोन के चक्कर में 44 लाख रुपए गँवा दिया। मामले में पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

क्या था पूरा मामला ?

पुलिस के अनुसार शिकायतकर्ता डॉ. अंतरिक्ष सैनी जैंतनवाला में होटल और रिजॉर्ट का निर्माण के लिए सिटी फाइनेंस फिनकॉर्प से 85 करोड़ रुपये के लोन के लिए आवेदन किया था। डॉ. सैनी ने बताया कि प्रोसेसिंग फीस के नाम पर उनसे बार-बार लाखों रुपये लिए गए। लेकिन लोन न मिलने पर 35 प्रतिशत काटकर पैसे वापस किए गए। उन्होंने फिर से लोन के लिए आवेदन किया लेकिन आरोपियों ने फीस के नाम पर उनसे 51 लाख पांच हजार रुपये लिए और उन्हें कागजों में कमी निकालकर लोन देने से मना कर दिया साथ ही प्रोसेसिंग फीस के पैसे भी वापस नहीं किए।
डॉ सैनी ने जब बार-बार पैसे लौटने के लिए प्रयास किया तो आरोपियों ने सात लाख रुपये ही वापस किए। शेष 44 लाख 5 हजार रुपए लौटने से मना कर दिया। आरोप है कि जब उन्होंने पैसों की मांग की तो आरोपियों ने उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने सिटी फिनकॉर्प कंपनी सहित कर्मचारी दिनेश मित्तल, रिया जैन, हरीश और दिलीप के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है और कोर्ट के आदेश पर डालनवाला पुलिस ने केस की जांच शुरू कर दी है। इस तरह की ठगी के खिलाफ सतर्क और जागरूक रहना अत्यंत महत्वपूर्ण है।