देहरादून: 27 बस्तियों में बसे 525 मकानों को नहीं मिली राहत नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने सोमवार को नगर निगम के पक्ष को नकार दिया है और हर हाल में इन अवैध बस्तियों को खाली करने के निर्देश दिए हैं।
Illegal Settlements Should Be Removed From The Banks of River Rispana
राजधानी में हर तरफ अवैध अतिक्रमण की संख्या लगातार बढ़ रही है। सरकार को तब ध्यान आता है जब पानी सिर से ऊपर चला जाता है। जब तक कोई अनहोनी नहीं हो जाति है तब तक सरकार सुध नहीं लेती। शहर में कुछ जगह अतिक्रम ऐसी जगह पर हुए हैं जहाँ पर फ्लड प्लेन जोन है। ऐसे में बरसात के समय पर इन सभी घरों को खतरा है। इसलिए पूर्व में एनजीटी ने नदी किनारे अवैध अतिक्रमण चिह्नित करने के आदेश दिए थे। फिर नगर निगम ने नदी किनारे सर्वे कर 27 बस्तियों में 525 मकानों को चिह्नित किया और इसकी रिपोर्ट एनजीटी में प्रस्तुत की।
30 जून तक बस्तियां हटाने के आदेश
रिपोर्ट को देखते हुई एनजीटी ने 13 मई को सुनवाई हुई जिसमें नगर आयुक्त गौरव कुमार ने अपना पक्ष रखा। दोनों पक्षों की सुनवाई के बाद एनजीटी ने नगर निगम स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि जिन बस्तियों को आपने चिन्हित किया हैं उन्हें 30 जून तक हर हाल में हटाना होगा। एनजीटी ने नगर निगम से नदी के फ्लड जोन के बारे में भी जानकारी ली और फ्लड प्लेन जोन का चिह्नीकरण हर हाल में कराने को कहा है, अगली सुनवाई अब 24 जुलाई को होगी।
नई बस्तियां भी हो सकती हैं चिन्हित
एनजीटी ने नगर निगम को फिर से फ्लड प्लेन जोन चिह्नित करने को कहा है। यदि रिस्पना नदी में फ्लड प्लेन जोन का चिह्नित हुआ तो कई अन्य बस्तियां भी अवैध अतिक्रमण के दायरे में आ सकती हैं और इन्हें भी हटाया जाएगा। फ्लड प्लेन जोन नदी का वह भाग है जिसमें नदी का पानी पूर्व में कभी बहा है। इसमें 25 सालों से ज्यादा पुराना रिकॉर्ड देखा जाता है। जिसके बाद फ्लड प्लेन जोन निर्धारित किया जाता है और इसके लिए एक्ट भी बना है। यदि कोई चैत्र फ्लड जोन चिह्नित हो जाता है तो इसे रिजर्व कर दिया जाता है।