उत्तराखंड रुद्रप्रयागIndecent behaviour with women doctors in Kedarnath

केदारनाथ में महिला डॉक्टरों के साथ अभद्रता, केदारसभा के पदाधिकारियों पर आरोप

केदारनाथ धाम में प्रतिवर्ष सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट द्वारा निःशुल्क चिकित्सा सेवाएं दी जाती है। यहाँ तैनात महिला चिकित्सकों ने केदारसभा के पदाधिकारियों पर अभद्रता करने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

Kedarnath Dham: Indecent behaviour with women doctors in Kedarnath
Image: Indecent behaviour with women doctors in Kedarnath (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: राष्ट्रपति सम्मान से भी सम्मानित सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की मेडिकल डायरेक्टर अनीता भारद्वाज ने आरोप लगाया कि उन्हें मंदिर में प्रवेश करने से रोका गया और जब उन्होंने इसका कारण पूछा तो उनके साथ अभद्रता की गई। उन्होंने रुद्रप्रयाग पुलिस को घटना की जानकारी देते हुए कार्रवाई करने की मांग की है।

Indecent behaviour with women doctors in Kedarnath

केदारनाथ धाम में तैनात सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर यूनिट की मेडिकल डायरेक्टर अनीता भारद्वाज और चीफ डॉ कोऑर्डिनेटर सपना बुढ़लाकोटी ने एसपी को शिकायती पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने धाम में महिला डॉक्टरों के साथ अभद्रता होने की जानकारी दी है और बताया है कि केदारनाथ मंदिर में प्रवेश करने से केदारसभा के पदाधिकारियों द्वारा उन्हें रोका गया और उनके द्वारा कारण पूछे जाने पर अभद्रता की गई साथ ही धाम में निःशुल्क सेवाओं को तत्काल रोकने के लिए धमकी भी दी गई है। इस मामले को संज्ञान में लेकर सख्त कार्रवाई की मांग की है। अनिता भारद्वाज ने बताया कि वे राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित हैं, इसके बावजूद उनके साथ यह दुर्व्यवहार किया गया है। इनसे उनकी भावनाओं को बहुत ठेस पहुंची है। अभद्रता की शिकायत पर कोतवाली सोनप्रयाग में सुसंगत धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

केदारसभा अध्यक्ष ने आरोपों को बताया झूठा

इस मामले के तूल पकड़ने पर केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी का बयान भी सामने आया है, उन्होंने चिकित्सकों द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार और झूठा बताया है। साथ ही उन्होंने एसपी को भेजे पत्र में बताया कि सिक्स सिग्मा हेल्थकेयर में तैनात महिला डॉक्टर अपने रिश्तेदारों को मंदिर के निकास द्वार से प्रवेश करवा रही थी तो इन्हें रोका गया। फिर इन्होने 4 जून को भी अपने सगे संबंधियों को अनुचित रूप से मन्दिर के निकास द्वार से प्रवेश कराये जाने का प्रयास किया। तो इसपर पदाधिकारियों द्वारा उन्हें रोका गया और कहा कि मंदिर के प्रोटोकॉल के तहत ही मंदिर में प्रवेश करवाया जाय तो इसपर महिलाओं ने एक न सुनी और बहस करने लगी। पदाधिकारियों ने सभी आरोपों को झूठा बताकर इस मामले पर मजिस्ट्रेट जांच करने को कहा है।