हल्द्वानी: सूबे के मुख्यमंत्री को 11,000 खून के पत्र लिखे जाने के बाद भी कार्रवाही न होने पर दो संतों यति परमानंद सरस्वती और यति स्वरूपानंद सरस्वती ने आत्मदाह करने की चेतावनी दी है। ये लम्बे समय से सरकार को अवैध मस्जिद, मजारों और मदरसों को हटाने की मांग कर रहे हैं।
Two Saints Warned of Self-Immolation in Uttarakhand
प्रदेश में इस समय दो संतों ने सरकार को आत्मदाह करने की चेतावनी दी है, उनका कहना है कि देवभूमि में लगातार समुदाय विशेष की गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं और वे लम्बे समय से सरकार को अवैध रूप से बनीं मस्जिद, मजारों और मदरसों को हटाने की मांग करते आ रहे हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने मुख्यमंत्री को 11,000 खून से लिखे पत्र मुख्यमंत्री कार्यालय भी भेज चुके हैं, लेकिन अभी तक इसपर कोई कार्रवाही नहीं हुई है।
कोटद्वार में किए गए नज़रबंद
दोनों संत हिंदूवादी नेता डासना गाजियाबाद में महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि के शिष्य हैं। इन्होने 20 जून यानी आज हल्द्वानी एसडीएम कार्यालय में आत्मदाह करने की चेतावनी दी थी, इसके बाद से कोटद्वार प्रशासन लगातार इनकी गतिविधियों पर नज़र रखे हुए थे। पुलिस ने उन्हें हल्द्वानी जाने से पहले ही कोटद्वार में दबोच लिया और सिंचाई विभाग के बंगले में कुछ समय के लिए नज़रबंद किया है। कोटद्वार पुलिस द्वारा बताया गया कि दोनों संतों ने पूर्व में भी आत्मदाह की चेतावनी दी थी। जिसके चलते उन्हें हल्द्वानी जाने से रोका गया है। संतों ने बताया कि उन्हें देहरादून, रुड़की, बांग्लादेश और सऊदी अरब से जान से मारने की धमकियां मिल रही है।