देहरादून: प्रदेश से विश्व को योग की प्रसिद्धि तो मिल गई जिसके बाद यहाँ स्कूलों में कक्षा 6 से 12 वीं तक के पाठ्यक्रम में योग शामिल किया गया, लेकिन राज्य में अभी तक योग शिक्षकों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। अभी भी 65 हजार से अधिक योग प्रशिक्षित बेरोजगार बैठे हैं।
Yogacharya More Than 65 Thousand Unemployed In Uttarakhand
राज्य सरकार ने कई बार इस मामले में घोषणा की है लेकिन अभी तक नौकरी नहीं मिल पाई है, उत्तराखंड योग प्रशिक्षित बेरोजगार महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित नेगी के अनुसार, 31 दिसंबर 2021 को कैबिनेट बैठक में प्रदेश के 119 राजकीय महाविद्यालयों और प्रत्येक जिले के एक-एक इंटर कॉलेज में योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति का निर्णय लिया गया था। हालांकि, वित्त विभाग की मंजूरी के अभाव में यह प्रस्ताव कैबिनेट में आपत्तियों के चलते आगे नहीं बढ़ सका।
नौकरी की अधिकतम आयु सीमा कर चुके पार
राज्य के योग प्रशिक्षित बेरोजगारों द्वारा यह मुद्दा उठाए जाने के बाद, 30 अक्तूबर 2023 की कैबिनेट बैठक में फिर से यह प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया। इस बार यह निर्णय लिया गया कि 117 राजकीय महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के छह परिसरों में योग प्रशिक्षकों को 18,000 रुपये प्रतिमाह मानदेय पर नियुक्त किया जाएगा। इस प्रस्ताव के बाद शासनादेश जारी हुआ, लेकिन बेरोजगारों को अब तक नियुक्ति नहीं मिली। योग प्रशिक्षित बेरोजगार पिछले 17-18 वर्षों से नियुक्ति की मांग कर रहे हैं और इसमें कई छात्र नौकरी की अधिकतम आयु सीमा भी पार कर चुके हैं।
घोषणा के बाद भी नहीं मिला रोजगार
योग प्रशिक्षित बेरोजगारों का कहना है कि नौकरी के नाम पर उनके साथ मजाक किया जा रहा है। वर्ष 2010, 2014 और 2016 में योग प्रशिक्षकों की नियुक्ति का प्रस्ताव कैबिनेट में लाया गया, लेकिन इसके बाद कोई प्रगति नहीं हुई। इसके अलावा, एक मार्च 2014 को टिहरी में आयोजित एक समारोह में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने जूनियर हाईस्कूलों और उच्चतर कक्षाओं में योग शिक्षा को शामिल करने और योगाचार्यों की नियुक्ति की घोषणा की थी, लेकिन इस घोषणा के बावजूद उनकी नियुक्ति पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस विषय पर शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत ने कहा सरकार ने प्रत्येक सरकारी महाविद्यालय और विश्वविद्यालय परिसर में एक-एक योग प्रशिक्षित बेरोजगार की नियुक्ति करने का निर्णय लिया है। जल्द ही इन बेरोजगारों को नियुक्ति दी जाएगी। साथ ही, 1800 हेल्थ और वेलनेस सेंटरों में उन्हें 500 रुपये प्रति पीरियड के हिसाब से रखा जाएगा।