देहरादून: मशरूम क्वीन डॉ. हिरेशा वर्मा को गुरुग्राम में एग्रीकल्चर लीडरशिप के अवार्ड से सम्मानित किया गया। उनका मशरूम प्लांट पछुवादून में हैं जहाँ पर उन्होंने अन्य महिलाओं को भी रोजगार दिया है।
Mushroom Queen Dr. Hiresha honored with Agriculture Leadership Award
गुरुवार को गुरुग्राम में आयोजित एक समारोह में राजस्थान सरकार के कृषि मंत्री ने हिमालय की मशरूम क्वीन के नाम से मशहूर डॉ. हिरेशा वर्मा को एग्रीकल्चर लीडरशिप अवार्ड से नवाजा। हिरेशा वर्मा का पछुवादून के छरबा में वैज्ञानिक तरीके से मशरूम उत्पादन करने के लिए प्लांट लगाया है। जिसमें 18 ग्रामीण महिलाओं को भी उन्होंने रोजगार दिया है। उन्होंने आईटी कंपनी छोड़कर मशरूम की खेती में हाथ आजमाया और अब इस क्षेत्र में आत्मनिर्भर होकर अन्य लोगों को भी रोजगार प्रदान कर रही हैं।
प्रतिवर्ष का टर्नओवर ढाई करोड़ से अधिक
आईटी कंपनी की नौकरी छोड़कर वर्ष 2010 में मशरूम की खेती शुरू करने वाली हिरेशा ने हिमालयी राज्यों में नई मिसाल कायम की है। उन्होंने पहाड़ों के दूरस्थ क्षेत्रों में हजारों महिलाओं को मशरूम उत्पादन का प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। प्लास्टिक के बैग में मशरूम उत्पादन से अपना सफर शुरू करने वाली हिरेशा का एक साल का टर्नओवर अब ढाई करोड़ रुपये से भी अधिक है। उनके इस योगदान को देखते हुए उन्हें कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है। पछवादून की उद्यमी की कामयाबी देखकर क्षेत्र की अन्य महिलाएं भी छोटे स्तर पर स्वरोजगार की शुरुआत करने के लिए प्रेरित हो रही हैं।