देहरादून: फर्जी जाति और दिव्यांग प्रमाण पत्र से सरकारी नौकरी पाने का खेल लम्बे समय से चल रहा है, महाराष्ट्र की आईएएस पूजा खेडकर के चर्चा में आने से यह मामला गरमा गया है। इस बीच उत्तराखंड की आइएएस अधिकारी नितिका खंडेलवाल पर भी फर्जी दिव्यांग प्रमाण लगाकर नौकरी पाने का आरोप लग रहे हैं, उनकी दिव्यांगता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
Uttarakhand IAS Officer Accused of Submitting Fake Document
ट्रेनी IAS अधिकारी पूजा खेडकर महाराष्ट्र कैडर वर्ष 2022 बैच की नियुक्ति इन दिनों सुर्ख़ियों का विषय बना हुआ है। उनपर आरोप लगे हैं कि UPSC पास करने के लिए उन्होंने फर्जी दिव्यांगता और ओबीसी सर्टिफिकेट दिए, इस मामले में केंद्र सरकार ने जांच के लिए एक सदस्यीय समिति बनाई है। यह समिति दो सप्ताह के भीतर सरकार को रिपोर्ट देगी। अब इस बीच आईएएस नितिका खंडेलवाल का नाम भी चर्चा में आ गया है। उनका एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसके बाद उनपर भी लोगों ने आरोप लगाना शुरू कर दिया। हांलांकि ये चर्चाएं सिर्फ सोशल मीडिया तक ही सिमित हैं, अभी तक शासन में इसकी कोई शिकायत दर्ज नहीं हुए हैं।
आईएएस नितिका खंडेलवाल पर लगा फर्जी विकलांगता प्रमाण पत्र का आरोप
सोशल मीडिया पर लोग उनपर आरोप लगा रहे हैं कि 2014 बैच की निकिता खंडेलवाल को दृष्टिबाधित कोटे के तहत सामान्य श्रेणी से चुना गया था और एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें वे बिना चश्मा लगाए ड्राइविंग टेस्ट दे रही हैं, उनपर आरोप लग रहे हैं कि नितिका खंडेलवाल ने फर्जी तरीके से विकलांगता प्रमाण पत्र देकर सिविल सर्विस की परीक्षा उत्तीर्ण करके आईएएस का पद हांसिल किया है। वे योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र के आधार पर आईएएस बनीं हैं। लेकिन आरटीओ टेस्ट में कुछ और ही देखने को मिल रहा है।
आईएएस नितिका खंडेलवाल ने बताई सच्चाई
इस मामले पर उन्होंने मीडिया से बातचीत करके बताया कि जो वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है वह 13 नंवबर 2019 का है और इस समय पर वे रुड़की में एसडीएम पोस्ट पर थी। आरटीओ ऑफिस में ड्राइविंग टेस्ट को लेकर उन्हें कई तरह की शिकायतें मिली जिसका जायजा लेने वो वहां पहुंची और सिमुलेशन टेस्ट में आ रही समस्यों की खुद से तहकीकात की और उसका पूरा वीडियो बनाकर अपने सोशल मीडिया पर अपलोड किया। उन्होंने बताया कि वीडियो का कुछ अंश काटकर इस तरह से फैलाया जायगा इसका उन्हें अंदेशा नहीं था। उन्होंने सभी आरोपों को बेबुनियाद और निराधार बताते हुई ख़ारिज किया है।
कौन हैं लेडी सिंघम IAS निकिता खंडेलवाल ?
आईएएस नितिका खंडेलवाल को उत्तराखंड में एक दबंग महिला अफसर (लेडी सिंघम) के रूप में जाना जाता है। उनकी गिनती तेज-तर्रार अधिकारियों में होती है और उनके काम की चर्चा जनता में अक्सर होती रहती है। नितिका खंडेलवाल 2014 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और उत्तराखंड के रुद्रपुर जिले की निवासी हैं। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा जेसीज पब्लिक स्कूल, रुद्रपुर से पूरी की और बाद में दिल्ली से बीए और जामिया मिलिया से एचआर में एमए किया। नितिका ने यूपीएससी परीक्षा में 897वीं रैंक हासिल की थी। उन्हें विजुअल इम्पेयरमेंट के प्रमाणपत्र के कारण दिव्यांग कोटा (पीडब्लूडी कोटा) से आईएएस का पद मिला। वर्तमान में नितिका देहरादून में तैनात हैं। उन्होंने कुछ समय पहले बुर्का पहनकर दरगाह में छापा मारा था जिसमें उन्होंने तीन कर्मचारियों को पकड़ा, साथ ही कोरोनाकाल में 2.5 लाख से अधिक लोगों को भोजन मुहैया कराया था।