उत्तराखंड देहरादूनLieutenant General Vikas Lakheda Appointed DG of Assam Rifles

Uttarakhand News: गढ़वाल के लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा बने असम राइफल्स में महानिदेशक

करगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड की उपलब्धियों में एक नया नाम जुड़ गया है। लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा जो भारतीय सेना में तैनात हैं उन्हें असम राइफल्स की कमान सौंप दी गई है।

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Lieutenant General Vikas Lakheda: Lieutenant General Vikas Lakheda Appointed DG of Assam Rifles
Image: Lieutenant General Vikas Lakheda Appointed DG of Assam Rifles (Source: Social Media)

देहरादून: लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा असम राइफल्स के नए महानिदेशक नियुक्त किए गए हैं। कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने उनकी नियुक्ति को मंजूरी दे दी है और उनका कार्यकाल दो वर्षों का होगा।

Lieutenant General Vikas Lakheda Appointed New DG of Assam Rifles

ले. जनरल विकास लखेड़ा (55 वर्ष) 01 अगस्त को असम राइफल्स के महानिदेशक का पद संभालेंगे। ले. जनरल टीपीएस रावत के बाद वह इस पद पर नियुक्त होने वाले दूसरे उत्तराखंडी हैं। वह मूलरूप से टिहरी गढ़वाल के जखंड गांव के निवासी हैं, लेकिन वर्तमान में उनका परिवार देहरादून के वसंत विहार में रहता है। ले. जनरल विकास लखेड़ा ने डीएवी पीजी कॉलेज से स्नातक किया है। फिर भारतीय सैन्य अकादमी से पास आउट होकर उन्होंने फोर सिख लाइट रेजीमेंट में कमीशन प्राप्त किया।

कुशल खिलाड़ी और विभिन्न भाषाओं के हैं जानकार

अपनी सैन्य सेवा के दौरान वह जम्मू-कश्मीर के आतंक प्रभावित क्षेत्रों से लेकर उत्तर-पूर्व के नगालैंड, असम और अरुणाचल प्रदेश में तैनात रहे हैं। एक अनुभवी सैन्य अधिकारी होने के साथ-साथ वह कुशल खिलाड़ी, संगीत प्रेमी और विभिन्न भाषाओं के जानकार भी हैं। उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा भारतीय सेना की सिख रेजीमेंट के बाद बीएसएफ में डीआईजी रहे हैं। उनकी छोटी बहन के पति वीरेंद्र सिंह भी सेना में कर्नल हैं और छोटे भाई असीम लखेड़ा इंजीनियर रेजीमेंट में कर्नल रैंक पर तैनात हैं।

ले. जनरल विकास लखेड़ा को मिले हैं विभिन्न सम्मान

26 फरवरी 1969 को जन्मे लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए कई प्रमुख सैनिक सम्मान प्राप्त हुए हैं जिसमें अति विशिष्ट सेना मेडल, सेना मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड और दो जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड शामिल हैं। हाल ही में उन्हें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा एवीएसएम से भी सम्मानित किया गया है और अब उन्होंने भारत के सबसे पुराने अर्धसैनिक बल असम राइफल्स के महानिदेशक की उपलब्धि प्राप्त की है।