उत्तरकाशी: अपने लेटेस्ट इंटरव्यू में मनु भाकर कहती हैं कि जब कोच जसपाल राणा आस पास होते हैं तो वो बेहतरीन प्रदर्शन करती हैं। मनु भाकर ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 में इतिहास रचते हुए देश के लिए दो मेडल्स जीते। वे एक और मेडल जीतने से महज मामूली अंतर से चूक गईं। भाकर ने इंटरव्यू में बार-बार कोच जसपाल राणा का नाम लिया, जिनका योगदान उनकी सफलता में अहम रहा। जसपाल राणा जो स्वयं कई प्रमुख इवेंट्स में भारत के लिए मेडल्स जीत चुके हैं इस बार एक गुरु के रूप में चर्चा में हैं।
The undefeated king of Indian shooting in the 90s: Jaspal Rana
उत्तरकाशी जिले के नैनबाग के रहने वाले जसपाल राणा को 90 के दशक में भारतीय शूटिंग का अजेय बादशाह माना जाता था। एशियन गेम्स और कॉमनवेल्थ गेम्स जैसे प्रमुख आयोजनों में उनकी उपस्थिति से ही लोग शूटिंग में उनके नाम की पहचान करते थे। शूटिंग करियर समाप्त होने के बाद, उन्होंने कोचिंग के क्षेत्र में कदम रखा और कई खिलाड़ियों की सफल ट्रेनिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि उन्हें को कई विवादों का सामना करना पड़ा, जिनमें टोक्यो ओलंपिक्स में भारतीय शूटर्स की विफलता और मनु भाकर के खराब प्रदर्शन के लिए जिम्मेदारी शामिल थी। बावजूद इसके आज जसपाल राणा की कोचिंग क्षमता और खिलाड़ियों की सफलता के कारण वे भारतीय खेलों के क्षेत्र में गर्व का विषय बन चुके हैं।