उत्तराखंड हल्द्वानीRed Question Marks On 608 Houses in Banbhulpura

Uttarakhand News: बनभूलपुरा में 608 घरों पर लाल निशान, सुप्रीम कोर्ट में 11 सितंबर को सुनवाई

सोमवार को भी रेलवे और स्थानीय प्रशासन के संयुक्त अभियान के तहत बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण की जमीन पर स्थित भवनों और वहां रहने वाले परिवारों का सर्वेक्षण चौथे दिन जारी रहा।

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Banbhulpura Encroachment: Red Question Marks On 608 Houses in Banbhulpura
Image: Red Question Marks On 608 Houses in Banbhulpura (Source: Social Media)

हल्द्वानी: सर्वे में लगी छह टीमों ने वार्ड 32 में 608 घरों पर लाल निशान लगाकर वहां रहने वाले 970 लोगों की जांच पूरी कर ली है। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई 11 सितंबर को निर्धारित की गई है।

Red Question Marks On 608 Houses in Banbhulpura

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बनभूलपुरा में अतिक्रमण की जांच के लिए रेलवे और प्रशासन की टीमों का चार दिनों से निरंतर सर्वे चल रहा है। सोमवार को चौथे दिन भी इन टीमों ने बनभूलपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण वाली भूमि पर स्थित घरों और वहां निवास कर रहे लोगों का जायजा लिया। रेलवे और प्रशासन की छह टीमों ने वार्ड 32 में 608 घरों पर लाल निशान लगाए और वहां रह रहे 970 लोगों का सत्यापन किया। 30 हेक्टेयर भूमि पर प्रारंभिक सर्वे की प्रक्रिया जारी है और मंगलवार को भी टीमों ने घर-घर जाकर जानकारी एकत्र की। इस दौरान अतिक्रमण वाली भूमि में बने घरों, परिवारों, उनके नाम, उम्र, मकान के मालिकाना हक संबंधी दस्तावेज और अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां इकट्ठा की गई।

सर्वे पूरा होने के बाद होगी विस्थापन की प्रक्रिया शुरू

बनभूलपुरा में रेलवे की भूमि पर अतिक्रमण का मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है और हाल ही में अदालत ने रेलवे से यह जानकारी मांगी थी कि योजनाओं को लागू करने के लिए कितनी भूमि की आवश्यकता है। इसके बाद रेलवे ने बनभूलपुरा क्षेत्र का डिजिटल सर्वे कराया और प्रशासन से घरों और निवासियों का सर्वे कराने की मदद मांगी। जिला प्रशासन ने इस काम के लिए छह टीमों को तैनात किया है, जिन्होंने अब तक 608 मकानों पर लाल निशान लगाए हैं। रेलवे के जनसंपर्क अधिकारी राजेंद्र सिंह के अनुसार हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के विकास के लिए रेलवे को करीब 30 हेक्टेयर भूमि की आवश्यकता है। मामले की अगली सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में 11 सितंबर को होगी और सर्वे के परिणामों के आधार पर प्रभावित परिवारों के विस्थापन की योजना बनाई जाएगी।