उत्तराखंड देहरादूनMinister Ganesh Joshi Accused of Disproportionate Assets

उत्तराखंड के कृषि मंत्री गणेश जोशी पर मुकदमा दर्ज हो या नहीं, कैबिनेट करेगी निर्णय

अधिवक्ता विकेश नेगी ने मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति का आरोप लगाया था और उनके द्वारा मंत्री के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच का आग्रह किया गया था।

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Minister Ganesh Joshi Accused: Minister Ganesh Joshi Accused of Disproportionate Assets
Image: Minister Ganesh Joshi Accused of Disproportionate Assets (Source: Social Media)

देहरादून: कृषि मंत्री गणेश जोशी पर आय से अधिक संपत्ति के मामले में मुकदमा दर्ज होगा या नहीं इस पर फैसला 19 अक्तूबर को कोर्ट में होगा। कोर्ट इस निर्णय के लिए मंत्री परिषद की स्वीकृति का इंतजार कर रही है।

Minister Ganesh Joshi Accused of Disproportionate Assets

आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में कृषि मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ कार्रवाई पर निर्णय लेने के लिए विशेष न्यायाधीश (सतर्कता) मनीष मिश्रा की अदालत ने मंत्री परिषद को निर्देश दिया है। अदालत ने परिषद से आग्रह किया है कि वे इस संबंध में 8 अक्टूबर तक अपना निर्णय न्यायालय को सूचित करें। इस मामले में अगली सुनवाई के लिए 19 अक्टूबर की तारीख तय की गई है। यह मामला तब सामने आया जब आरटीआई कार्यकर्ता और अधिवक्ता विकेश नेगी ने कृषि मंत्री पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाते हुए लगभग दो महीने पहले विशेष न्यायाधीश मनीष मिश्रा की अदालत में एक याचिका दायर की थी।

सतर्कता अधिष्ठान की रिपोर्ट पर मंत्री परिषद का फैसला लंबित

याचिका में उन्होंने सतर्कता अधिष्ठान से मंत्री के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच की मांग की थी, जिसके आधार पर न्यायालय ने सतर्कता अधिष्ठान से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी। मंगलवार को न्यायालय में प्रकरण की सुनवाई के दौरान सतर्कता अधिष्ठान ने अपनी आख्या के साथ एक पत्र भी प्रस्तुत किया। यह जानकारी दी गई कि 8 जुलाई को सतर्कता अधिष्ठान ने यह पत्र कार्मिक एवं सतर्कता विभाग को भेजा था। सतर्कता अधिष्ठान के पत्र के आधार पर सचिव मंत्री परिषद की ओर से सूचित किया गया कि इस मामले को परीक्षण और उचित निर्णय के लिए मंत्री परिषद को भेजा जा चुका है। सतर्कता अधिष्ठान ने बताया कि लोक सेवक से जुड़े मामलों में निर्णय लेने की सर्वोच्च संस्था मंत्री परिषद है, जिसे तीन महीने का समय दिया गया है। न्यायालय ने मंत्री परिषद से निर्धारित समय पर निर्णय लेकर इसे न्यायालय को सूचित करने का निर्देश दिया है।