ऋषिकेश: शराब तस्करों के मामले में विफलता के बाद एसएसपी ने एसओजी देहात को भंग कर दिया और इसके सदस्यों को मुख्य एसओजी में तैनात कर दिया। ऋषिकेश और रायवाला थाने के 37 पुलिसकर्मियों को भी हटा कर अन्य थानों में भेजा गया है।
37 policemen transferred from rishikesh after Yogesh Dimri Incident
ऋषिकेश में शराब तस्करी और यूट्यूबर विवाद के बाद देहरादून एसएसपी ने क्षेत्रीय पुलिस की कार्रवाई का गहराई से विश्लेषण किया। समीक्षा के परिणामस्वरूप एसओजी देहात की पूरी विफलता सामने आई और इसे भंग कर दिया गया। इसके 11 सदस्यों को मुख्य एसओजी में शामिल कर दिया गया। इसके अतिरिक्त ऋषिकेश और रायवाला थानों के 37 पुलिसकर्मियों को तुरंत हटा कर अन्य थानों में तैनात किया गया। साथ ही पिछले 10 वर्षों से तैनात पुलिस अधिकारियों का भी ट्रांसफर कर दिया गया है।
शराब तस्करों की पहचान के लिए सूची तैयार की जा रही है
समीक्षा के दौरान यह सामने आया कि ऋषिकेश पुलिस ने इस अवधि में 113 मुकदमे दर्ज किए और 111 तस्करों को गिरफ्तार किया। इसके विपरीत एसओजी देहात की समीक्षा में पता चला कि उन्होंने तस्करों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। एसओजी का मुख्य कार्य पुलिस की मदद से ऐसी निरोधात्मक कार्रवाई करना होता है। नतीजतन एसएसपी ने तुरंत प्रभाव से एसओजी देहात को भंग कर दिया। इंदिरा नगर में दो पक्षों के बीच हुई मारपीट के मामले में कुल चार केस दर्ज किए गए हैं। इनमें से एक मुकदमे में आरोपी सुनील को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है। बाकी तीन मुकदमों में नामजद और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ जांच जारी है और आगे की कार्रवाई की जाएगी। इसके अतिरिक्त ऋषिकेश क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से शराब तस्करी में लिप्त तस्करों की पहचान कर एक सूची तैयार की जा रही है ताकि उन पर निगरानी रखी जा सके।