उत्तराखंड देहरादूनlitteraturs from 65 countries will gather in Dehradun

Dehradun: अंतरराष्ट्रीय कला साहित्य महोत्सव में जुटेंगे 65 देशों के साहित्यकार, थानो में बन रहा ‘लेखक गांव’

देहरादून थानों इलाके के लेखक गांव में 23 से 27 अक्टूबर तक अंतरराष्ट्रीय कला, साहित्य और संस्कृति महोत्सव का आयोजन किया जाएगा। इस पांच दिवसीय महोत्सव में लगभग 65 देशों के साहित्यकार, लेखक और कलाकार शामिल होंगे।

International Arts and Literature Festival: litteraturs from 65 countries will gather in Dehradun
Image: litteraturs from 65 countries will gather in Dehradun (Source: Social Media)

देहरादून: समारोह का उद्घाटन देश के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। इस महोत्सव की योजना और रूपरेखा को अंतिम रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण बैठक का संचालन पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की अध्यक्षता में किया गया।

litteraturs from 65 countries will gather in Dehradun

डॉ. निशंक ने बताया कि यह महोत्सव हिंदी भाषा के वैश्विक प्रचार में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहर को पेश करेगा। इस आयोजन में शामिल होने वाले विदेशी विद्वान, साहित्यकार और छात्र हिंदी के ब्रांड एंबेसडर के रूप में अपने-अपने देशों में हिंदी को बढ़ावा देंगे। समारोह के उद्घाटन सत्र में पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और समापन समारोह में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला मुख्य अतिथि होंगे। इस आयोजन में उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और कई केंद्रीय मंत्री भी शामिल होंगे।

महोत्सव के प्रमुख आयोजन और सत्र

महोत्सव का उद्घाटन विभिन्न प्रदर्शनियों और लोक प्रस्तुतियों के साथ किया जाएगा, जिसमें हिंदी और स्थानीय भाषाओं के 20 लेखकों की पुस्तकों का विमोचन भी शामिल है। 23 और 24 अक्टूबर को विशेष कार्यशालाओं का आयोजन होगा, जिसमें डॉ. निशंक की 12 पुस्तकों के गढ़वाली और कुमाऊंनी संस्करणों का लोकार्पण भी होगा। पहले दो दिनों का संयोजन भाषा विज्ञानी रमाकांत बैंजवाल और बीना बैंजवाल करेंगे। इसके साथ ही एनबीटी द्वारा बच्चों की किताबों की अनुवाद कार्यशाला भी आयोजित की जाएगी। 25 अक्टूबर को मुख्य उद्घाटन सत्र के बाद चार सत्रों में साहित्यिक परिचर्चाओं और विमर्शों का आयोजन होगा। 26 अक्तूबर को पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण योग, अध्यात्म और संगीत के स्वास्थ्य पर प्रभावों पर अपने विचार प्रस्तुत करेंगे। 27 अक्तूबर को समापन समारोह का आयोजन होगा।