उत्तराखंड हल्द्वानी3 People Scammed in Trading Profits in Haldwani

Uttarakhand News: ट्रेडिंग के नाम पर उत्तराखंड में 3 लोगों से 1.19 करोड़ की ठगी, मुनाफे का लालच पड़ा भारी

मोटी कमाई के लालच में लोग अक्सर फंस जाते हैं, जिससे वे साइबर ठगों का शिकार बन जाते हैं। इन आकर्षक विज्ञापनों के पीछे छिपे धोखाधड़ी के तरीके जानने के बावजूद, लोग जल्दबाज़ी में ठगी का शिकार हो जाते हैं।

Trading Scams: 3 People Scammed in Trading Profits in Haldwani
Image: 3 People Scammed in Trading Profits in Haldwani (Source: Social Media)

हल्द्वानी: तीन लोग फेसबुक पर ऑनलाइन ट्रेडिंग के फर्जी विज्ञापनों के चलते 1.19 करोड़ रुपये की ठगी का शिकार हो गए। उन्होंने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई और अपनी रकम वापस दिलाने की मांग की है।

3 People Scammed in Trading Profits in Haldwani

साइबर ठगों ने हल्द्वानी के एक बिल्डर से ऑनलाइन ट्रेडिंग के नाम पर 90 लाख रुपये की ठगी की है। उन्होंने बताया कि 30 जुलाई को उनके फेसबुक अकाउंट पर एक विज्ञापन आया, जिसके बाद उन्हें एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया। वहां उन्हें शेयर मार्केट में निवेश का प्रशिक्षण दिया गया और अधिक लाभ कमाने का प्रलोभन दिया गया। बिल्डर ने पहले 5 लाख फिर 7 लाख और बाद में 20 लाख रुपये जमा किए। फिर ठगों ने पीड़ित को लकी ड्रा में 40 हजार शेयर जीतने का लालच दिया और उनके वॉलेट में ₹62 लाख की राशि दिखाई। जब पीड़ितों ने पैसे निकालने की कोशिश की, तो उनसे ₹58.03 लाख तुरंत जमा करने को कहा गया, अन्यथा धनराशि फ्रीज करने की धमकी दी गई। लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो ठगों ने उन्हें और पैसे जमा करने को कहा। संदेह होने पर उन्होंने साइबर पुलिस में शिकायत की जिसने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

साइबर ठगों ने मोहन चंदोला से की 18.55 लाख की ठगी

दुसरे मामले में ओमेक्स रुद्रपुर के मोहन चंदोला ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है कि उन्होंने फेसबुक पर स्टॉक मार्केटिंग के विज्ञापन पर क्लिक किया। इसके बाद 26 अगस्त को उन्हें एक अज्ञात व्हाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया। ग्रुप के एडमिन ने खुद को शेयर मार्केट का विशेषज्ञ बताते हुए उन्हें ट्रेडिंग करने के लिए प्रेरित किया, जिसके बाद उन्होंने रजिस्ट्रेशन कराकर अकाउंट खोला। मोहन ने शुरुआत में 15 हजार रुपये जमा किए, फिर 3 सितंबर को 3.70 लाख और 5 सितंबर को 14.70 लाख रुपये डाले। उन्हें लोन के नाम पर करीब एक करोड़ रुपये का आईपीओ अलॉट करवा दिया गया। जब उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की तो उन्हें बताया गया कि उनका खाता लॉक हो गया है। इसके बाद उन्हें धोखाधड़ी का एहसास हुआ कुल मिलाकर 18.55 लाख रुपये की ठगी हो गई।

फेसबुक विज्ञापन से ठगी का शिकार हुए धीरेंद्र

वहीं तीसरे मामले में ओमेक्स रिविएरा रुद्रपुर के निवासी धीरेंद्र कुमार सिंह ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि उन्होंने फेसबुक पर स्टॉक मार्केटिंग का विज्ञापन देखा और उस पर क्लिक करके इन्वेस्टमेंट स्ट्रेटेजी सेमिनार नामक व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ गए। ग्रुप के एडमिन के निर्देशानुसार उन्होंने एक ट्रेडिंग अकाउंट खोला और 18 हजार रुपये अपने खाते में ट्रांसफर किए। लालच में आकर उन्होंने आईपीओ और शेयर खरीदने के लिए पांच अगस्त से दो सितंबर के बीच 7.23 लाख रुपये ट्रांसफर कर दिए, जिससे उनकी कुल जमा राशि 10.68 लाख रुपये हो गई। आईपीओ चार्ट पर उनका लाभ करीब 52 लाख रुपये दिखाया गया, लेकिन जब उन्होंने 10 लाख रुपये निकासी के लिए आवेदन किया, तो उनका खाता होल्ड कर दिया गया। इस तरह वे भी ठगी का शिकार हो बैठे।