रुड़की: नेपाल सिंह ने उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित असिस्टेंट प्रोफेसर की परीक्षा उत्तीर्ण की है। भूगोल विषय में उन्होंने सातवीं रैंक हासिल की और अब वे असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर चयनित हो गए हैं।
Nepal Singh Passed UKPSC Exam And Became Assistant Professor
सफलता का मतलब है अपने सपनों को पूरा करना, चाहे परिस्थितियाँ कितनी भी कठिन क्यों न हों। नेपाल सिंह ने यह साबित कर दिखाया कि मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष्य को हासिल किया जा सकता है। उन्होंने असिस्टेंट प्रोफेसर बनने का सपना देखा और इसे सच कर दिखाया। जब नेपाल ने इस परीक्षा में सफलता प्राप्त की, तो उनके परिवार में खुशी का माहौल छा गया। लक्सर क्षेत्र के मुंडाखेड़ा कलां गांव निवासी नेपाल सिंह के पिता इंदर सिंह मजदूरी कर परिवार का भरण-पोषण करते हैं, जबकि मां संतलेश देवी गृहिणी हैं। नेपाल की प्रारंभिक शिक्षा गांव के राजकीय प्राथमिक और जूनियर हाई स्कूल में हुई। आर्थिक कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने रोशनाबाद स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय से कक्षा 10 और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। 12वीं कक्षा के बाद नेपाल सिंह ने बच्चों को ट्यूशन पढ़ाकर अपनी स्कूल फीस और अन्य खर्चों का प्रबंधन किया।
मेहनत और लगन से मिली सफलता की नई ऊँचाई
उन्होंने बीए, एमए और पीएचडी भूगोल की डिग्री हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर उत्तराखंड से प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने राजकीय डिग्री कॉलेज अगरोडा, टिहरी गढ़वाल में गेस्ट फैकल्टी असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल के रूप में कार्य किया। अंततः सितंबर 2024 में नेपाल सिंह उत्तराखंड लोक सेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर भूगोल के लिए चयनित हुए, जिसमें उन्होंने सातवीं रैंक प्राप्त की। नेपाल अपनी इस सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को देते हैं। उनकी यह उपलब्धि उन युवाओं के लिए एक प्रेरणास्त्रोत बन गई है, जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है।