उधमसिंह नगर: प्रमुख उद्योगपति रतन टाटा का उत्तराखंड से गहरा लगाव था, उन्होंने ऊधमसिंहनगर में इलेक्ट्रॉनिक हब बनाने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन यह सपना उनके जीवन में पूरा नहीं हो सका। इसी वर्ष केंद्र सरकार ने यूएसनगर में टाटा की इलेक्ट्रॉनिक सिटी के निर्माण की घोषणा की थी।
Ratan Tata's Vision for an Uttarakhand Electronic Hub Remains Unfulfilled
दिवंगत रतन टाटा का उत्तराखंड के प्रति विशेष लगाव रहा है। उन्होंने कई बार राज्य का दौरा किया और उद्योगों के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। खासतौर पर नैनो कार के उत्पादन में उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उनके निधन से उत्तराखंडवासियों में गहरा दुख है, क्योंकि उन्होंने उधमसिंह नगर से हरिद्वार तक कई ऐसे प्रोजेक्ट्स को मंजूरी दी, जिन्होंने इन शहरों की औद्योगिक पहचान को मजबूत किया। रतन टाटा का उत्तराखंड से गहरा संबंध था, जो नैनो कार के लॉन्चिंग और उत्पादन के दौरान स्पष्ट हुआ। 2010 में वे राज्य स्थापना दिवस पर देहरादून आए थे। उनके कार्यकाल के दौरान जब भी उद्योग लगाने की बात आई हर मुख्यमंत्री ने उनसे संपर्क किया।
10,000 युवाओं को मिलेगा रोजगार
रमेश पोखरियाल निशंक के कार्यकाल में उन्होंने हरिद्वार और उधमसिंह नगर में कई प्लांट स्थापित किए। रतन टाटा ने उत्तराखंड को इलेक्ट्रॉनिक सिटी का उपहार भी दिया, जिसका निर्माण अभी चल रहा है, लेकिन उनके जीते जी यह सपना अधूरा रह गया। यह प्रोजेक्ट कुमाऊं और उधम सिंह नगर में बड़े बदलाव लाने की क्षमता रखता है। लगभग 350 एकड़ भूमि पर बनाए जाने वाले इस इलेक्ट्रॉनिक सिटी में चिप और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस तैयार होंगे, जिससे करीब 10,000 युवाओं को रोजगार मिलेगा। उत्तराखंड ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में टाटा ग्रुप के प्रतिनिधियों ने इस योजना के बारे में जानकारी दी थी।