देहरादून: 40,000 से अधिक बस्तीवासियों को पीएम आवास योजना के तहत नए घर मिलेंगे। नगर निगम ने NGT को सूचित किया कि 2016 से पहले नदियों के किनारे हुए अतिक्रमण को ध्वस्त कर पुनर्वास किया जा रहा है। अब तक 11,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
More Than 40,000 Residents Will Get Houses Under PM Awas Yojana in Dehradun
देहरादून में रिस्पना-बिंदाल समेत अन्य नदी-नालों के किनारे अतिक्रमण के मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्युनल ने नगर निगम से स्पष्टीकरण मांगा है। नगर निगम ने सभी अवैध निर्माण को ध्वस्त कर पुनर्वास का दावा किया है। अगले सप्ताह निगम को जवाब देना है, जिसमें सभी मलिन बस्तियों के प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पुनर्वास की बात रखी जाएगी। दून में 2016 से पहले चिह्नित 129 मलिन बस्तियों में लगभग 40,000 घर हैं और अब तक इनसे पीएम आवास योजना के तहत 11,000 से अधिक आवेदन मिल चुके हैं। इसके अलावा पिछले वर्षों में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक हजार घरों का भी निर्माण नहीं किया जा सका है। इस वर्ष की शुरुआत में एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना के किनारे 2016 के बाद किए गए निर्माण का सर्वेक्षण किया गया, जिसमें 524 अतिक्रमण का पता चला।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बेघर परिवारों का होगा पुनर्वास
नगर निगम की भूमि पर 89, नगर पालिका मसूरी में 12 और राजस्व भूमि पर 11 अतिक्रमण पाए गए हैं। रिवर फ्रंट डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लिए एमडीडीए को दी गई भूमि पर 414 से अधिक अतिक्रमण का भी पता चला है। एनजीटी को रिपोर्ट सौंपने के बाद नगर निगम ने कहा कि वह पीएम आवास योजना के तहत बेघर हुए परिवारों के पुनर्वास का प्रयास करेगा। एनजीटी ने देहरादून में रिस्पना-बिंदाल समेत अन्य नदियों के किनारे 2016 से पहले के अतिक्रमण पर जवाब मांगा है, जिसे नगर निगम को 15 अक्टूबर तक प्रस्तुत करना है। हालांकि पिछले नौ वर्षों में दून में केवल एक हजार आवास ही आवंटित किए गए हैं, जिससे बस्तीवासियों के लिए पर्याप्त आवास तैयार करना संभव नहीं लग रहा है।
इन क्षेत्रों में बनाए जा रहे हैं पुनर्वास के लिए नए घर
देहरादून में पीएम आवास योजना के अंतर्गत विभिन्न क्षेत्रों में आवास निर्माण की प्रक्रिया जारी है। ब्रह्मपुरी फेज-दो में 421, ब्रह्मपुरी फेज-एक में 240, काठबंगला में 148, खाला बस्ती में 80, कुष्ठ आश्रम में 34, राम मंदिर कुष्ठ आश्रम में 27 और चकशाहनगर में 160 आवास प्रस्तावित हैं। इसमें से ब्रह्मपुरी फेज-एक में 56, काठबंगला में 56, शांति कुष्ठ आश्रम में 28, राम मंदिर कुष्ठ आश्रम में 27 और रोटरी आश्रम में 34 आवास लगभग तैयार हो गए हैं, लेकिन इनमें से कुछ का आवंटन अभी तक नहीं हो पाया है।