उत्तराखंड देहरादून8 teachers of Jaunsar dismissed from service

उत्तराखंड: अधर में नौनिहालों का भविष्य, बिन बताये लंबी छुट्टी पर थे 8 शिक्षक.. अब हुए निलंबित

लम्बे समय तक शिक्षकों की अनुपस्थिति से बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था, इसके चलते शिक्षा विभाग ने सख्ती दिखाते हुए आठ सरकारी शिक्षकों सेवा से बर्खास्त किया।

8 teachers suspended: 8 teachers of Jaunsar dismissed from service
Image: 8 teachers of Jaunsar dismissed from service (Source: Social Media)

देहरादून: राज्य के सरकारी विद्यालयों में शिक्षकों के लगातार अनुपस्थित रहने से छात्रों की शिक्षा पर गलत प्रभाव पड़ रहा है। कई शिक्षक अपनी जिम्मेदारियों का ध्यान न रखते हुए लम्बे समय स्कूल में अनुपस्थित रह रहे हैं। इसके चलते विभाग ने इन लापरवाह शिक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

8 teachers of Jaunsar dismissed from service

उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने जौनसार बावर के कालसी और चकराता ब्लॉक के सरकारी स्कूलों में कार्यरत आठ शिक्षकों को निलंबित कर दिया है। इनमें से 7 शिक्षक कालसी और एक शिक्षिका चकराता ब्लॉक की हैं। इन शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति के चलते शिक्षा मंत्रालय ने यह कदम उठाया है।

जौनसार के ये 8 शिक्षक हुए निलंबित

जौनसार के कालसी ब्लॉक के सरकारी स्कूलों के जिन शिक्षकों को निलंबित किया गया है उनमें निशा यादव, सोनिया वर्मा, देवेश्वरी बेलवाल, मधु खुराना, अंबे शुक्ला, मौसमी थापा और गोविंद कुमार शर्मा शामिल हैं। ये सभी शिक्षक लंबे समय तक ड्यूटी से अनुपस्थित थे, इसलिए स्कूल में उनकी भूमिका नगण्य थी। इस संबंध में कालसी ब्लॉक के खंड शिक्षा अधिकारी भुवनेश्वर प्रसाद जदली ने कहा कि महानिदेशक विद्यालयी शिक्षा की ओर से इस शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इसके अलावा चकराता क्षेत्र से एक शिक्षिका (नजाकत सुल्ताना) को सेवा से निलंबित किया गया है, जो कि राजकीय बालिका इंटर कॉलेज कोटि कनासर में कला विषय पढ़ाती हैं। ये भी काफी लम्बे समय से अपनी ड्यूटी पर उपस्थित नहीं थी। विभाग की ओर से उनको नोटिस भी भेजा गया लेकिन उससे भी कोई सुधार नहीं हुआ। जिसके चलते विभाग ने इनको सेवा से निलंबित कर दिया।

लापरवाह शिक्षकों पर होगी सख्त कार्रवाई

शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन शिक्षकों की लगातार अनुपस्थिति के चलते छात्रों की शिक्षा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा था और इस कारण इनकी सेवा समाप्त करना विभाग के लिए आवश्यक हो गया था। शिक्षा विभाग द्वारा ये सख्त कदम शिक्षकों की जिम्मेदारी और कार्यदक्षता को सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया है। ताकि शिक्षकों की लापरवाही से छात्रों की शिक्षा प्रभावित न हो। शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए अब नया आदेश जारी किया जाएगा ताकि छात्रों की पढ़ाई में कोई बाधा न आए। इसके अलावा, विभाग ने यह भी निर्देश दिया है कि सभी शिक्षक अपने कर्तव्यों का पालन करें और यदि कोई शिक्षक बिना उचित कारण के अनुपस्थित रहता है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।