अल्मोड़ा: उत्तराखंड में ततैया के हमले के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं, आए दिन अलग-अलग जिलों से ततैया के झुण्ड के हमले से होने वाली मौत के खबरे आती रहती हैं। राज्य इस साल में ततैया के हमलों के कारण बहुत लोगों की मौते हुई हैं। जिनमें से करीब 8 लोगों की मौत तो इसी नवंबर महीने में हुई है।
8 people died in Uttarakhand due to wasp attack this November
कल बुधवार को अल्मोड़ा जिले से एक बार फिर ततैया के झुंड के हमला का मामला सामने आया है। दरअसल, अल्मोड़ा जिला मुख्यालय से 8 किलोमीटर दूर चितई पंत गांव में 34 वर्षीय दीपा देवी खेत में घास काट रही थी, इस दौरान उन पर ततैयों के झुंड ने हमला कर दिया। ततैयों के हमले महिला दीपा देवी गंभीर रूप से घायल हो गई , परिजन उसे अस्पताल ले गए। लेकिन इलाज के दौरान ही दीपा देवी की मौत हो गई।
पिथौरागढ़ की देवकी
इससे पहले 16 नवंबर को पिथौरागढ़ जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर दूर स्थित मल्ली भटेड़ी गांव से भी ऐसी ही घटना सामने आई थी। 52 वर्षीय देवकी देवी पर भी खेत में घास काटते हुए ततैयों के झुंड ने बुरी तरह हमला किया। घायल देवकी देवी का अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। ठीक उसी दिन पिथौरागढ़ के झूलाघाट में ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले व्यक्ति की मौत भी ततैया के हमले में हुई थी। भारतीय सीमा से सटे बैतड़ी गांव में बीते 4 नवंबर को ततैयों के झुंड ने एक परिवार पर हमला किया। जिसमें परिवार के दो बच्चों की जान चली गई। इनके अलावा एक बच्चा और दो महिलाएं बुरी तरह घायल हुई।
उत्तरकाशी के दो नौनिहाल
बीते 11 नवंबर को उत्तरकाशी जिले के मांडिया गांव में स्कूल से घर लौटते समय भाई (रिहान 4) और बहन (रिया 12) पर ततैयों ने हमला किया। हमले से रिहान की मौत हो गई थी, और रिया को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती किया गया था।टिहरी गढ़वाल के जौनपुर गांव में भी 11 नवंबर को गाय चराने गए दो भाइयों पर ततैया के झुण्ड के हमला किया। दोनों में से बड़े भाई सुरजन सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई। इससे एक दिन पहले 10 नवंबर को टिहरी गढ़वाल के जौनपुर ब्लॉक के रियाट गांव में एक 67 वर्षीय व्यक्ति की मौत भी ततैयों के हमले से हुई थी।