देहरादून: राज्य परिवहन प्राधिकरण (एसटीए) के निर्देश पर पठोई समिति वाहन मॉडल सीमा के मसौदे को अंतिम रूप दे रही है। उपायुक्त परिवहन दिनेश पठोई ने गुरुवार को बताया कि एसटीए की अगली बैठक से पहले इसका ड्राफ्ट तैयार कर लिया जाएगा।
Uttarakhand to Implement Model Limit for Commercial Vehicles
उत्तराखंड में वाहनों की आयु सीमा तय करने के अधिकार पर कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के बाद अब परिवहन विभाग वाहनों के मॉडल सीमा को लागू करने की योजना बना रहा है। इसके तहत वाहनों के रूट परमिट की अधिकतम आयु तय की जाएगी। जैसे ही किसी वाहन का रूट परमिट खत्म होगा, उसे उस रूट से हटाना पड़ेगा और वह नया आवेदन दूसरे रूट के लिए कर सकेगा। यह कदम राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में बढ़ते सड़क हादसों पर काबू पाने के लिए उठाया जा रहा है। एसटीए की बैठक में इस पहल का प्रस्ताव रखा गया था और इसके विस्तृत ड्राफ्ट तैयार करने के लिए निर्देश भी दिए गए थे।
पहले की आयु सीमा नियमों के बाद अब नए दिशा-निर्देश
पहले परिवहन विभाग के पास वाहनों की आयु सीमा तय करने का अधिकार था। डीजल वाहनों के लिए आयु सीमा 10 साल और पेट्रोल वाहनों के लिए 12 साल निर्धारित थी। इसके अतिरिक्त हर छह महीने में वाहनों की जांच करवाना अनिवार्य था। हालांकि 2018 में कोर्ट ने इस नियम पर रोक लगा दी थी, जिसके बाद अब परिवहन विभाग को वाहनों की आयु और मॉडल सीमा को लेकर नए दिशा-निर्देशों को लागू करने की आवश्यकता पड़ी है।
प्रस्तावित नए वाहन मॉडल सीमा मानक
1. कांट्रेक्ट कैरिज: शहरी क्षेत्र में 25 से 40 किलोमीटर के दायरे में चलने वाले वाहनों के लिए मॉडल सीमा 10 साल होगी, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सीमा 12 साल तक रहेगी।
2. स्टेज कैरिज: किसी विशेष मार्ग के लिए जारी परमिट की मॉडल सीमा मैदानी रूट पर 18 साल और पर्वतीय रूट पर 15 साल निर्धारित की जाएगी। यह मानक विभिन्न मार्गों के समूह के लिए भी लागू होगा और इन्हें इस आयु सीमा के तहत ही चलाने की अनुमति होगी।
3. प्राइवेट सेवा वाहन: किसी विशेष मार्ग के लिए जारी किए गए प्राइवेट सेवा वाहनों के लिए मैदानी रूट पर मॉडल सीमा 18 साल और पर्वतीय रूट पर 15 साल होगी। राज्य स्तरीय परमिट पर यह मॉडल सीमा 15 साल तक सीमित रहेगी।