नैनीताल: नैनीताल में छपी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में निगरानी के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन आदि का दुरुपयोग किया जा रहा था। जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास बसे हुए गांव में रहने वाली महिलाओं की आपत्तिजनक वीडियो रिकॉर्ड करके वायरल की जा रही थीं।
women videos were made using surveillance equipments in Jim Corbett
दरअसल, ये चौंकाने वाला खुलासा कैंब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं त्रिशांत समलाई और क्रिस सेंडब्रुक द्वारा किए गए एक अध्ययन के बाद सामने आया। इन दोनों की रिपोर्ट "जेंडर्ड फॉरेस्ट: डिजिटल सर्विलांस टेक्नोलॉजी फॉर कंजर्वेशन एंड जेंडर एनवायरमेंटल रिलेशनशिप (Gendered Forests: Digital Surveillance Technologies for Conservation and Gender Environmental Relationships)" में हुआ है।
महिलाओं की गोपनीयता का हुआ उल्लंघन
14 नवंबर को प्रकाशित हुए इस लेख में बताया गया है कि जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क में लगे निगरानी उपकरणों से आसपास की महिलाओं की गोपनीयता का उल्लंघन किया जा रहा है। दरअसल एक महिला जिसे ऑटिज्म है और वंचित समुदाय से संबंध रखती है, वह जंगल में लकड़ी बीनने गई थी। उसकी अर्धनग्न तस्वीरें सीसीटीवी उपकरण में कैद हो गई। रिपोर्ट्स के मुताबिक आरोपित अस्थाई वन कर्मियों ने महिला की तस्वीरों को सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया था। इससे नाराज गांव वालों ने कैमरे तोड़ दिये और वन अधिकारियों के स्टेशन को आग तक लगाने की धमकी दे दी। गांव वालों ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे के कारण महिलाएं अब लकड़ी और घास के लिए भी जंगल में जाने से डरने लगी हैं। उन्होंने बताया कि ये हरकतें उन युवा अस्थाई कर्मियों की है जिन्हें हाल ही में तैनात किया गया है।
वन विभाग ने शुरू की जांच
जंगल में जाने के बाद गांव के लोगों को जंगली जानवरों से दूर रहने के लिए ऊंची आवाज में गाते रहना होता है या बात करनी होती है लेकिन अब महिलाओं को जंगल में जाते समय इन्हीं लोगों के डर से खामोश रहना पड़ता है। शोध के दौरान लगभग 14 महीने में कॉर्बेट नेशनल पार्क के आसपास के 270 लोगों से बातचीत की गई। इस मामले में अब उत्तराखंड वन विभाग ने जांच शुरू कर दी है। उत्तराखंड के मुख्य वन्यजीव वार्डन रंजन मिश्रा ने मीडिया से कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए हम गहराई से जांच करेंगे और उसके बाद ही कुछ आगे कह सकेंगे।