उत्तराखंड चमोलीSoldier Gusain Ram of Gairsain became martyr

चमोली: गैरसैंण के गुसाईं राम हुए शहीद, अरुणाचल प्रदेश में BRO के ग्रीफ सैनिक पद पर थे तैनात

शुक्रवार को सुबह पार्थिव शरीर उनके पैत्रिक गाँव लाया गया। पार्थिव शरीर के गाँव पहुँचने पर उनका पूरा गांव उनके मृत्य के शौक में बिलख-बिलख कर रो पड़ा। शहीद कि पत्नी पुष्पा देवी अपने पति के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देख रो-रोकर बेहोश हो गई।

Soldier Gusain Ram: Soldier Gusain Ram of Gairsain became martyr
Image: Soldier Gusain Ram of Gairsain became martyr (Source: Social Media)

चमोली: अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) के ग्रीफ पद पर तैनात 52 वर्षीय गुसाईं राम ड्यूटी के दौरान शहीद हो गए है। ड्यूटी के दौरान उनका स्वास्थ्य अचानक बिगड़ गया था जिसके चलते उन्हें इलाज के लिए अस्पताल पहुंचाया गया लेकिन उपचार के दौरान ही उन्होंने दम तोड़ दिया। बीते शुक्रवार को शहीद गुसाईं राम को पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम सलामी दी गई।

Soldier Gusain Ram of Gairsain became martyr

जानकारी के अनुसार चमोली जिले के गैरसैण विकासखंड के आंद्रपा ग्राम पंचायत के कुंजापानी गांव के निवासी 52 वर्षीय गुसाईं राम, पुत्र बच्ची राम का निधन हो गया। सैनिक गुसाईं राम अरुणाचल प्रदेश में बॉर्डर रोड ऑर्गेनाइजेशन (BRO) ग्रीफ के सैनिक पद पर तैनात थे। बीते 18 दिसंबर को ड्यूटी के दौरान उनका अचानक स्वास्थ्य बिगड़ गया, सैनिक गुसाई राम को उपचार के लिए अस्पताल ले गए। अस्पताल में डॉक्टरों ने उन्हें बचाने का काफी प्रयास किया लेकिन इलाज के दौरान ही सैनिक गुंसाई राम ने अपनी आखिरी सांस लेली। घटना की सूचना मिलने पर शहीद गुंसाई राम के परिजन बिलख उठे।

शहीद की पत्नी रो-रोकर बेहोश

अस्पताल में दम तोड़ने के बाद गुसाईं राम के पार्थिव शरीर को अरुणाचल प्रदेश के गुवाहाटी एयरपोर्ट से दिल्ली लाया गया। उसके बाद दिल्ली से देहरादून लाया गया और बीते शुक्रवार को सुबह करीब 9:00 बजे उनके पार्थिव शरीर उनके पैत्रिक गाँव लाया गया। पार्थिव शरीर के गाँव पहुँचने पर उनका पूरा गांव उनके मृत्य के शौक में बिलख-बिलख कर रो पड़े। शहीद कि पत्नी पुष्पा देवी ने जब अपने पति के पार्थिव शरीर को तिरंगे में लिपटा देखा तो वो रो-रोकर बेहोश हो गई। शहीद गुसाईं राम के दोनों बेटे और बेटी का भी रोरोकर बुरा हाल है।

सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई

शुक्रवार 20 दिसम्बर को सुबह गांव में उनके परिजनों से शहीद के पार्थिव शरीर के अंतिम दर्शन करवाने के बाद उन्हें पैतृक घाट पर ले जाया गया। पुलिस के जवानों ने कुंजापानी गांव के पैत्रिक घाट पर उन्हें पूरे सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी।