देहरादून: साइबर ठगी से उत्तराखंड वैसे ही बेहाल है। पर्यटन के क्षेत्र में भी साइबर ठगी हर दिन बढ़ने से पर्यटकों को सावधान रहने की जरूरत है। नैनीताल में पर्यटकों के साथ हो रही ठगी के लिए जारी टोल फ्री नंबर 1930 पर कई शिकायतें मिल रही है। इस नंबर पर शिकायत दर्ज करके साइबर ठगों को चिन्हित किया जा रहा है।
Tourism in the trap of cyber thugs in Uttarakhand
नैनीताल और मसूरी में 31st और नए साल के जश्न के लिए पर्यटक एडवांस बुकिंग कर पहुंच रहे हैं। कई लोग ऐसे भी हैं, जिन्हें होटल पहुंच कर ठगे जाने का पता लग रहा है। होटल बुकिंग के नाम पर कई पर्यटकों से लाखों रुपए की ठगी कर दी गई है। नैनीताल, मुसूरी में संचालित प्रतिष्ठित होटलों की फर्जी वेबसाइट बनाकर कर के भी ठगी की जा रही है। इन वेबसाइट और होटल के सोशल मीडिया प्रोफाइल बनाकर उस पर कमरों के दाम फिक्स कर दिए जाते हैं। कई बार इनमें 70% तक छूट देने की बात भी होती है। पर्यटक एडवांस बुकिंग करने के बाद जब होटल पर पहुंचता है, तो पता लगता है कि उसके नाम की बुकिंग नहीं है। हाल में नैनीताल पुलिस को लगभग 300 से ज्यादा शिकायतें इस तरीके की मिल चुकी है।
गूगल रिव्यू लिखने के नाम पर ठगी
उत्तराखंड में होटलों के साथ एक और बड़ी ठगी चल रही है। होटलों के फोटो डालकर रिव्यू डालने के लिए पैसे लिए जा रहे हैं। यही नहीं अगर उनकी मांग न मानी जाए तो यह नकारात्मक रिव्यू डालने की धमकी भी दे रहे हैं। रुद्रप्रयाग चोपता की तरफ भी यही हाल है। रुद्रप्रयाग में मिनी स्विट्ज़रलैंड कहे जाने वाले चोपता और उसके आसपास के होटलों के साथ भी ठगी चल रही है।
हजारों रूपये देकर हटवाने पड़ रहे रिव्यु
यहां तो कई होटल ओनर्स को इस बात के भी फोन आए हैं कि वह साइबर ठग द्वारा तय धनराशि में रिव्यू डलवा लें, अन्यथा साइबर ठग उनके गूगल प्रोफाइल पर नकारात्मक रिव्यु डाल देंगे। नकारात्मक रिव्यू से बचने के लिए कई होटल ओनर साइबर ठगों की बात मानकर हजारों रुपए के रिव्यू लिखवा रहे हैं। नकारात्मक रिव्यु हटाने के भी ठग मनमाने रूपये ले रहे हैं। उत्तराखंड पुलिस को साइबर ठगों को पकड़ने के साथ ही होटल ओनर्स में भी जागरूकता लानी होगी, ताकी एक बड़ा तबका साइबर ठगी से बच सके।