उत्तराखंड देहरादूनThe administration auctioned property worth Rs 16 crore

देहरादून: नहीं दिया 12 करोड़ का बकाया राजस्व, प्रशासन ने नीलाम कर दी 16 करोड़ की संपत्ति

आरोपी प्रदीप अग्रवाल के ऊँचे संबंध वसूली में बाधा उत्पन्न करते थे। लेकिन अब डीएम सविन बंसल ने मामले में सख्त कदम उठाए। इसके तहत, पहले उसकी 16.21 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की गई अब नीलाम..

property auction of Defaulters: The administration auctioned property worth Rs 16 crore
Image: The administration auctioned property worth Rs 16 crore (Source: Social Media)

देहरादून: जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर जनपद में बकायेदारों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जा रहे हैं। ये बकायेदार राजस्व बकाया चुकाने के बजाय अपनी ऊंची पहुंच का सहारा ले रहे थे, लेकिन अब उनका यह तरीका भी विफल हो गया है। जिला प्रशासन ने 12.93 करोड़ रुपये के बकायेदार की संपत्ति को 16.21 करोड़ रुपये में नीलाम कर राशि वसूल की है।

The administration auctioned property worth Rs 16 crore

शिवम माइंस के ओनर प्रदीप अग्रवाल पर खनन विभाग की 12.93 करोड़ रुपये की बकाया राशि थी। इस संबंध में उनकी आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी कर जिला प्रशासन से वसूली की मांग की गई थी। इसके बावजूद, पिछले तीन वर्षों से वसूली प्रक्रिया रुकी हुई थी। जब भी वसूली का समय आता, आरोपी प्रदीप अग्रवाल के ऊँचे लोगों से संबंध वसूली में बाधा उत्पन्न करते थे। लेकिन अब देहरादून जनपद के जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस मामले में सख्त कदम उठाए। इसके तहत, पहले प्रदीप अग्रवाल की 16.21 करोड़ रुपये की संपत्ति पहले कुर्क की गई और अब उसे नीलाम कर दिया गया है।

जल्द होगा फ्लैट नीलाम

डीएम बंसल ने बताया कि बीते सितंबर महीने तक वसूली का प्रतिशत 30 पर सीमित था, जो अब बढ़कर 95 प्रतिशत से अधिक हो गया है। डीएम ने अधिकारियों को पूर्ण राजस्व वसूली के निर्देश दिए और कहा कि वसूली की निगरानी वे स्वयं तहसील के स्तर पर कर रहे हैं। डीएम बंसल ने जानकारी दी कि गोल्डन एरा इंफोटेक प्राइवेट लिमिटेड पर रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथारिटी) का 78 लाख रुपए का बकाया है। आरसी जारी होने के बावजूद कंपनी द्वारा राजस्व का भुगतान नहीं किया. जिस कारण अब जिला प्रशासन ने उसके फ्लैट को सील कर दिया गया है, जिसे जल्द ही नीलाम कर दिया जाएगा।

संजीव थपलियाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जिला प्रशासन के अनुसार, प्रदीप अग्रवाल की संपत्ति की नीलामी के लिए पहले 20 दिसंबर को प्रयास किए गए थे। लेकिन प्रदीप अग्रवाल ने नीलामी को विफल करने के लिए अपने लोगों को नीलामी की बोली लगाने में शामिल किया। उस समय संपत्ति के लिए 10 करोड़ रुपए की अधिकतम बोली डिफेंस कॉलोनी के निवासी संजीव थपलियाल ने लगाई थी। उन्होंने नीलामी का भुगतान करने के लिए पहली किस्त के रूप में 2.5 करोड़ रुपए का चेक दिया था, लेकिन चेक बैंक में बाउंस हो गया। जिलाधिकारी सविन बंसल ने ने इस मामले को गंभीरता से लिया और संजीव थपलियाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इस मामले में अभी भी कार्रवाई जारी है।