उत्तराखंड रुद्रप्रयागWoman saving their land from PTCUL Police doing Company Duty

रुद्रप्रयाग: PTCUL से जमीन बचाने को धरने पर बैठी महिलाएं, पहुंच गया भारी पुलिसबल.. मचा हडकंप

रुद्रप्रयाग की केदारघाटी में पिटकुल छीन रहा गांव की जमीन, महिलाओं ने किया विरोध तो प्रदर्शन कर रही महिलाओं के साथ पुलिस ने किया ऐसा सलूक कि लग गया चक्काजाम..

PTCUL Company: Woman saving their land from PTCUL Police doing Company Duty
Image: Woman saving their land from PTCUL Police doing Company Duty (Source: Social Media)

रुद्रप्रयाग: उत्तराखंड में भू कानून को लेकर सब जगह गहमागहमी है। दूसरी तरफ, रुद्रप्रयाग जिले की केदार घाटी में आज अपनी जमीन बचाने को लेकर प्रदर्शन कर रही महिलाओं के साथ पुलिस ने कुछ ऐसा सुलूक कर दिया कि सब हैरान रह गए। गुप्तकाशी के रुद्रपुर क्षेत्र में पिटकुल कंपनी गांव की गोचर जमीन पर अपना हक जाता रही है, गांव के लोग पिछले काफी समय से आवाज उठा रहे हैं। पिछले दो दिनों से गांव की महिलाएं धरने पर बैठी हैं।

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एक तरफ भू कानून को लेकर हम बड़ी-बड़ी बातें कर रहे हैं लेकिन सोचने वाली बात ये है कि क्या हम जमीन बचा पा रहे हैं ? गांव की जमीनों पर कंपनियों के हक को लेकर एक बड़ी घटना है, वहीं दूसरी तरफ उत्तराखंड पुलिस के महिलाओं के साथ इस प्रकार के सलूक को लेकर भी प्रश्न खड़े किए जा रहे हैं। पुलिस ने धरने पर बैठी कई महिलाओं को पुलिस वैन में बिठा दिया। सड़क पर मरीज तड़पते रहे, घटनास्थल पर जाम लग गया जिसमें कई बीमार लोग फंस भी गए। बड़ी मुश्किल से देर शाम जाम खुलवाया जा सका।

प्रधान-VDO ने बेची जमीन: गांव वालों के आरोप

ग्रामीणों का कहना है कि आज इस मामले में कोर्ट में हियरिंग थी, पिटकुल को कोर्ट को दिखना था कि काम चल रहा है, इसलिए आज पुलिस के साथ JCB मशीनें भेजी गईं। गांव वालों का कहना है कि ये गौचर (गाय चराने की) जमीन है, पिटकुल को इससे पहले सबस्टेशन बनाने के लिए जमीन कहीं और (ब्रह्मवाडी) में दी गई थी, ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी ने गांव की ये जमीन वन विभाग को ट्रान्सफर कर दी। उसके बाद से पिटकुल जबरन जमीन पर हक़ जाता रहा है।

भूखे मर जाएंगे गोवंश

गांव वाले विरोध कर रहे हैं, और करें भी क्यों न.. चारा-पत्ती के लिए ग्रामीणों के पास इसके सिवा भूमि नहीं है, गाँव वालों का कहना है कि कम से कम गाय पालन के लिए जमीन कहीं और दी जाए। लेकिन बिना गाँव वालों की परेशानी समझे पिटकुल बल दिखा रहा है और सबसे बड़ी बात ये है कि कोर्ट में लंबित मामले में कंपनी के कहने पर उत्तराखंड पुलिस इतनी बड़ी संख्या में पहुंचकर पुलिसिया दबाव डाल रही है। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि इतनी बड़ी संख्या में पुलिस बल किसी बड़ी कार्रवाई के लिए भेजा जाता है।

विधायक, जिलाधिकारी नदारद

आज धरने के दूसरे दिन मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल पहुंच गया। लेकिन ख़ास बात ये रही कि शासन-प्रशासन विधायक या जिलाधिकारी किसी ने भी इस ओर देखना तक ठीक नहीं समझा। इसके बाद पुलिस ने धरने पर बैठी कई महिलाओं को पुलिस वैन में बिठा दिया। सड़क पर भीड़ लग गई और गांव महिलाओं ने किसी भी प्रकार से सड़क से हटाने के लिए मना कर दिया। सड़क पर मरीज तड़पते रहे, घटनास्थल पर जाम लग गया जिसमें कई बीमार लोग फंस भी गए। बड़ी मुश्किल से देर शाम जाम खुलवाया जा सका।

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