उत्तराखंड पिथौरागढ़Desi liquor shop was cancelled in Berinag

उत्तराखंड: रंग लाया गांव की महिलाओं का संघर्ष, देसी शराब की दुकान हुई निरस्त

अवैध शराब की तस्करी करने वालों के द्वारा यदि गांव में शराब बेची गई तो महिलाएं खुद उसे पकड़कर सजा देंगी। बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर कांडे किरौली जयनगर क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री से महिलाएं परेशान हैं।

Desi liquor shop was cancelled: Desi liquor shop was cancelled in Berinag
Image: Desi liquor shop was cancelled in Berinag (Source: Social Media)

पिथौरागढ़: उडियारी बैंड कस्बे में देशी शराब की दुकान महिलाओं का आंदोलन आखिरकार रंग लाया। आंदोलन के बाद आबकारी विभाग ने शराब की दुकान निरस्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

Desi liquor shop was cancelled in Berinag

बताते चलें कि महिलाओं द्वारा पिछले चार दिनों से लगातार शराब की दुकान को लेकर लगातार धरना-प्रदर्शन किया जा रहा था। महिलाओं के आक्रोश को देखते हुए आबकारी विभाग को दुकान को निरस्त करना पड़ा। संघर्ष समिति की अध्यक्ष ग्राम प्रधान उडियारी दीपा देवी ने कहा कि महिलाओं ने पहले ही दो टूक शब्दों में कह दिया था कि शराब की दुकान खोलने का आदेश निर्गत नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने गांव की सबसे मूलभूत समस्या पेयजल का समाधान भी करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को पानी चाहिए, शराब नहीं। इसी पानी की मांग को लेकर कई ग्रामीणों पर प्रशासन मुकदमा कर चुका है, लेकिन पानी की बजाया शराब की दुकान दे दी। उन्होंने शराब की दुकान को बंद करने में सहयोग करने वाले विधायक फकीर राम टम्टा, जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी तथा समस्त ग्रामीणों का आभार व्यक्त किया है।

बेचीं गई शराब, तो महिलाएं देंगी सजा

शराब विरोधी संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा क्षेत्र में लम्बे समय से शराब तस्करों के द्वारा खुले आम शराब को गांव गांव पहुंचाने की कोशिश को नाकाम किया जाएगा। अवैध शराब की तस्करी करने वालों के द्वारा यदि गांव में शराब बेची गई तो महिलाएं खुद उसे पकडकर सजा देंगी। बेरीनाग तहसील मुख्यालय से 12 किलोमीटर कांडे किरौली जयनगर क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री से महिलाएं परेशान हैं। पिछले दिनों कालेटी गांव में भी महिलाओं ने अवैध शराब तस्करों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर बैठक की थी।

थम नहीं रहा अवैध शराब का कारोबार

पूर्व में जगथली क्षेत्र की महिलाओं ने अवैध शराब की ब्रिकी से परेशान होकर जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया था, लेकिन उसके बाद आये दिन चोरी छुपे शराब तस्करी गांव में शराब पहुंचाने का काम कर रहे हैं। यदि शराब तस्करों को नहीं पकड़ा जाता है तो फिर महिलाओं का आक्रोश कभी भी पनप सकता है।